Indore News : ज़हर खाकर दी जान, कहा दूल्हा दुल्हन की तरह सजाकर करना विदाई।

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र की ग्रीन व्यू कॉलोनी में रहने वाले दंपत्ति ने आज जहर खाकर ख़ुदकुशी कर ली ,उनके इस तरह कदम उठाने से परिवार काफी सदमे में है। मौत से पहले दमपत्ति ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है । बीते कुछ समय से इंदौर में ख़ुदकुशी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है अब इस तरह पति पत्नी द्वारा ज़हर खाकर खुदकुशी करना निश्चित ही सोचने योग्य बात है। जानकारी के अनुसार परिवार के सदस्य जब घर पहुंचे तब उन्हें पुरे मामले की जानकारी लगी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सुचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जाँच शुरू की।

यह भी पढ़े….हाई कोर्ट में पेश हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, दिया भरोसा नहीं चलेंगे अवैध ऑटो

पुलिस के मुताबिक़ मृतकों के नाम सूर्यप्रकाश गुप्ता और अंजलि गुप्ता है , दोनों की शादी अप्रेल माह यानी करीब 7 माह पूर्व ही हुई थी। मृतक कोटक बैंक में नैकरी करता था, वहीँ अंजलि घर का कामकाज संभालती थी और दोनों ख़ुशी थे। परिवार के अनुसार उन्होंने यह कदम क्यों उठाया यह बात समझ से परे है। मौत के बाद से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। पुलिस को घर की तलाशी लेने पर वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें दंपत्ति ने अपनी मर्जी से जान देने की बात कही है और साथ ही परिवार से अपील की है की उनकी मौत के बाद उन्हें दोबारा से दूल्हा दुल्हन की तरह तैयार किया जाए और फिर उनका अंतिम संस्कार किया जाए। फ़िलहाल पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर पुरे मामले की जांच शुरू कर दी है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।