इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर की सीबीआई अदालत ने व्यापम घोटाले के आरोपी मनीष कुमार सिन्हा को दोषी करार देकर उसे 5 वर्ष के कारावास समेत अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश यतींद्र गुरु ने सजा सुनाई और बहुचर्चित व्यापम मामले में मनीष को दोषी करार दिया गया।
एडवोकेट निरंजन शर्मा ने बताया कि मामला मोगट थाना खंडवा द्वारा वर्ष 2004 में आरोपी मनीष कुमार को गलत तरीके से परीक्षा देते हुए पकड़ा था और मनीष कुमार ने जुर्म कबूल कर बताया था कि मैं संत कुमार द्वेदिया के नाम से परीक्षा देते हुए पकड़ाया हूँ और मुझे तरुण कुमार नामक व्यक्ति ने संत कुमार से मिलवाया था। वहीं बाद में आरोपी ने अपने पिता का नाम और पता गलत बताकर जमानत ली और फरार हो गया। लंबे समय तक तलाशने के बाद जब आरोपी मनीष कुमार नहीं मिला तब लोकल पुलिस ने संत कुमार द्वेदिया और तरुण कुमार के खिलाफ चार्जशीट पेश की जिसके बाद उनके खिलाफ खंडवा में उनके खिलाफ खंडवा में ट्रायल चली। मनीष कुमार के नहीं मिलने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंपी और 2018 में सीबीआई ने बिहार के पटना से मनीष कुमार को ढूंढकर पकड़ लिया और बाद में उसे इंदौर में व्यापम न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपी ने हाईकोर्ट से जमानत ली।
एडवोकेट निरंजन शर्मा ने कहा कि जमानत के बाद ट्रायल चला और इस दौरान उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 6 माह में इसको डिस्पोजल किया जाए। सितंबर 2020 से लेकर दिसम्बर 2020 के बीच लगभग 21 गवाह हुए और ट्रायल चली। जिसके न्यायालय ने आरोपी को धारा 419, 420, 467, 468, और 471 व 3/4 मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम में आरोपी को दोषी पाया। इन धाराओं और अधिनियम के तहत आरोपी मनीष कुमार को 1, 3 और 5 साल की सजा के साथ 1 हजार रुपए का जुर्माने का दंड सुनाया। एडवोकेट शर्मा ने बताया कि आरोपी को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है।