इंदौर, आकाश धोलपुरे। देशभर में 14 जनवरी से कोविड -19 (COVID-19) को लेकर वैक्सीनेशन (Vaccination) की शुरुआत होगी और इसी की तैयारी को लेकर अलग अलग राज्यो में ड्राई रन (Dry run) किया जा रहा है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) मे भी ड्राय रन की शुरुआत हो चुकी है वही शुक्रवार को प्रदेश की सबसे घनी आबादी वाले शहर इंदौर (Indore) में ड्राई रन शुरू किया गया।इंदौर में ड्राई रन जिसे वैक्सिनेशन की मॉक ड्रील भी कहा जा रहा है, उसकी शुरुआत हुई है और आज पहले चरण में चार सेंटर्स पर ड्राई रन किया गया।
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इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (Indore Collector Manish Singh) ने बताया कि आज चार सबटर्स पर ड्राई रन की तैयारी की गई है। उन्होंने बताया कि व्यवस्था के तहत सबसे पहले वैक्सिनेशन के लिये जो व्यक्ति आएगा उसकी जांच की जाएगी कि जिस व्यक्ति के पास मैसेज गया है वो ही व्यक्ति अंदर आया है या नही। इसके बाद व्यक्ति की थर्मल स्केनिंग और ऑक्सीजन लेवल (Thermal Scanning and Oxygen Level) जांचने के साथ ही Co-WIN एप में संबंधित व्यक्ति के डेटा की एंट्री होगी। जिसके बाद व्यक्ति को वैक्सिनेशन रूम में जायेगा जहां 5 से 7 मिनिट के बीच उसे वैक्सिन दी जाएगी।
इसके बाद टीका लगवाने वाला व्यक्ति 30 मिनिट तक ऑब्जर्वेशन रूम में रहेगा जहां डॉक्टर्स (Doctors) की निगरानी में वो रहेगा। हालांकि इंदौर में ड्राई रन प्रकिया में मामूली बदलाव ये किया गया है कि व्यक्ति जब दूसरे काउंटर जहां उसकी थर्मल स्केनिंग होगी वहां उसे प्रिंटेड स्लीप सील व साइन के साथ मिलेगी ताकि जब वो वेक्सीनेटर के पास जाएगा तो उसे स्लीप से पता चल जाएगा उसके पास आये व्यक्ति की सारी इंट्रीज हो चुकी है। इंदौर के सर सेठ हुकुमचंद अस्पताल, एम. वाय. अस्पताल (MY Hospital), राजश्री हॉस्पिटल और हातोद अस्पताल में ड्राई रन सेंटर बनाये गए है और इंदौर कलेक्टर ((Indore Collector) ने बताया कि प्रशासन की कोशिश रहेगी कि इंदौर में वैक्सिनेशन के लिए 100 सेंटर रहे जिसके स्टॉफ की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की जाएगी।
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बता दे कि देश मे दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को मंजूरी मिली है। DCGI ने भारत (India) में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे (Serum Institute of India, Pune) में तैयार की गई ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका(Oxford-AstraZeneca) की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ (Covishield) और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ (Covaxine) के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
ड्राई रन क्या है
ड्राई रन का मतलब वैक्सीनेशन प्रोसेस का मॉक ड्रिल होना है यानी ड्राई रन में सबकुछ वैसा ही होगा जैसे वैक्सीनेशन अभियान में असल में होने वाला है। इसमें सिर्फ कोविड-19 का वैक्सीन लगाया नहीं जाएगा और वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन भी नहीं किया जाएगा। इसमें सबसे पहले डमी वैक्सीन कोल्ड स्टोरेज से निकलकर वैक्सीनेशन सेंटर तक कैसे पहुंचेगी, टीका स्थल पर भीड़ का प्रबंधन ( क्राउड मैनेजमेंट) कैसे किया जाएगा, एक दूसरे के बीच दूरी सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था कैसे की जाएगी, इन सब का लाइव टेस्ट किया जाएगा।
इसके अलावा ड्राई रन के तहत वैक्सीन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को भी टेस्ट किया जाएगा। कुल मिलाकर असली में वैक्सीन डोज देने को छोड़कर वैक्सीन के कोल्ड स्टोरेज से लेकर डमी वैक्सीन देने तक की पुरी प्रक्रिया का लाइव टेस्ट होगा और हर एक चीज परखी जाती है। सरकार Co-WIN ऐप के जरिए भी ड्राई रन पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगी।