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Sun, Dec 21, 2025

इंदौर में छात्रवृत्ति के लिए कांग्रेस का प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं ने उतारी शर्ट

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
इंदौर में छात्रवृत्ति के लिए कांग्रेस का प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं ने उतारी शर्ट

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट | इंदौर में कॉलेज के 14 हजार छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आज धरना प्रदर्शन किया। बता दें कि पिछले 2 सालों से उन्हें छात्रवृत्ति नहीं दी गई, जिसके कारण उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है। बता दें कि इन सभी छात्रों को युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता का समर्थन मिला जो कि सुबह 10 बजे युवाओं की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रैली निकाली और धरना प्रदर्शन दिया। साथ ही जमकर नारेबाजी भी की।

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बता दें कि सभी युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता समेत छात्र सुबह 10 बजे हरसिद्धि मंदिर के पास इकट्ठा हो गए, जहां से उन्होंने रैली निकाली। इस घटना की जानकारी लगते ही भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। जगह-जगह उन्हें रोकने के लिए बैरिकेट्स लगाए गए लेकिन छात्रों में आक्रोश इतना ज्यादा था कि वह कांग्रेस युवा नेताओं के साथ मिलकर बैरिकेड के पास धरना प्रदर्शन के लिए बैठ गए। केवल इतना ही नहीं उनमें से कुछ कार्यकर्ताओं ने जब बैरिकेट्स हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका। जिसके बाद उन्होंने युवा कांग्रेस नेताओं ने अपने पहने हुए शर्ट उतार दिए। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि 20 से 25 दिनों में छात्रवृत्ति नहीं आई, तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा और इसका जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा।

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मामले को लेकर युवक कांग्रेस के शहर उपाध्यक्ष निखिल वर्मा ने कहा कि, “2 साल से भांजे-भांजियों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है। इस वजह से स्टूडेंट्स शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। शिक्षा का मूल अधिकार छीन लिया गया है। छात्रों की आवाज सुनी नहीं जा रही है।”

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वहीं, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव सरफराज अंसारी ने कहा कि, “लगातार 2 साल से छात्रवृत्तियां रोकी जा रही हैं या किस्तों में दी जा रही है। जब युवाओं के शिक्षा पर खर्च करने की बात आती है तो सरकार धन की कमी का बहाना बनाकर छात्रवृत्ति रोकती है। जबकि हर महीने प्रदेश में राजनीतिक लाभ के लिए करोड़ों रुपयों का आयोजन करने के लिए सरकार के पास धन की कमी नहीं होती। सरकार की नीति से प्रभावित होने वाले स्टूडेंट्स ओबीसी, एससी, एसटी और आर्थिक पिछड़ा वर्ग से हैं।”

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