इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संक्रमण काल के दौरान पूरे देश में तीज त्योहारों पर रोक लगी रही, लेकिन अब जब यह रोक हटाई गई है तो लोगों का उत्साह त्योहार मनाने को लेकर चरम पर है, इस बार 18 मार्च को होली का पर्व है, पूरे प्रदेश में होली मनाने को लेकर लोगों की तैयारियां भी शुरू हो गई है, वही इंदौर में होली से ज्यादा उत्साह से मनाई जाने वाली रंगपंचमी की जोर शोर से तैयारियां शुरू हो गई है, रंगपंचमी के मौके पर निकाली जाने वाली इंदौर की गेर अपनी अलग पहचान रखती है, इस बार भी यह गेर 22 मार्च को निकाली जाएगी। वही गेर को लेकर बनी संशय की स्थिति साफ हो गई है, दरअसल गेर के रूट को लेकर यह बात सामने आई। कलेक्टर मनीषसिंह ने इस मामले में कहा है कि गेर अपने परंपरागत मार्ग पर ही निकले इसके लिए निगम ने कहा है कि खुदे हुए रास्ते को समतल कर दिया जाएगा। ताकि गेर सुव्यवस्थित निकाली जा सके। हम गेर में शामिल होने वाले लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे। जो भी हितकर होगा उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा। इस बार भी उम्मीद है कि लाखों लोग इस गेर में शामिल होंगे।
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इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के इस बयान के बाद सारे गेर आयोजक उत्साहित हैं क्योंकि सभी यही चाहते हैं कि गेर का आनंद पुराने परम्परागत रुट पर ही है। इसके अलावा अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग पर गेर निकाली तो व्यवहारिक परेशानी तो रहेगी और आमजन को भी गेर में आनंद नहीं आएगा।
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अब रंगपंचमी को मात्र 20 दिन बचे हैं और नगर निगम को तय स्थान को दुरुस्त करना होगा, बताया जा हा है कि करीबन आधा किलोमीटर का रास्ता खुदा पड़ा है और इस रास्ते को सुधारने के लिए नगर निगम जल्द काम शुरू करवा सकता है, इंदौर में गेर का कैलाश मार्ग से शुरू होती है। जो दलिया पट्टी, टोरी कॉर्नर, एमजी रोड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, इमाम बाड़ा, बड़ा सराफा, सांठा बाजार, सीतलामाता बाजार, हुकुमचंद मार्ग होते हुए मल्हारगंज पहुंचती है। हिन्द रक्षक फाग यात्रा नृसिंह बाजार से शुरू होकर सीतलामाता बाजार होते हुए गेर में शामिल होती है।