इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर में रहने वाले 3 और मेडिकल स्टूडेंट्स आज इंदौर लौट आये है। इंदौर एयरपोर्ट पर सभी स्टूडेंट्स के परिजनों ने उनका स्वागत किया। वहीँ स्टूडेंट्स भी इंदौर पहुंचने को लेकर मान रहे है कि ये उनका दूसरा जन्म है। बता दें कि गुरुवार को भी यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों में से 6 इंदौर के निवासी हैं। इंदौर निवासी छात्रों में खुशी शर्मा, विकास राणा, आर्य सोनावाने, कशिश चौधरी, हर्ष ठाकुर एवं श्रण्या सिंह शामिल है। वही उज्जैन, बुरहानपुर और पिपरिया के स्टूडेंट्स भी साथ में पहुंचे।
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इंदौर छात्रों में 2 छात्रा और 1 छात्र शामिल है। गौरतलब है कि रूस – यूक्रेन वार में अभी भी कीव और खारकीव जैसे शहरों सहित हजारों स्टूडेंट्स फंसे हैं। जिन्हें लाने की कवायद जारी है। वही टरनोफिल से यूक्रेन रोमानिया बॉर्डर को क्रॉस करने के बाद इंदौर के प्रणय रॉय, ममता पाटीदार और कृति वर्मा गुरुवार को आखिरकार इंदौर पहुंच गए। देश और इंदौर लौटने पर सभी का स्वागत उनके परिजनों ने जमकर किया और केंद्र सरकार के साथ ही पीएम मोदी के प्रयासों की सराहना की। मेडिकल स्टूडेंट प्रणय रॉय ने बताया कि ये लंबी यात्रा थी और ये मेरे जीवन की दूसरी जिंदगी है। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई दिनो से सोया नही हूँ और परिवार वालो को देखकर लग रहा है कि अब मैं वापस नही जाऊंगा। उन्होंने बताया कि मीडिया में जो दिखाया जा रहा है उससे भी खतरनाक ग्राउंड रियलिटी है।
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वहीँ ममता पाटीदार ने बताया कि बॉर्डर क्रॉस करना उनके लिए बहुत कठिन था। उन्होंने धक्का मुक्की करके बॉर्डर क्रॉस की है। इस दौरान जब वो गिरी थी तो लोग उन पर पैर रखकर भाग रहे थे। वतन वापसी के लिए ममता ने 26 फरवरी से प्रयास शुरू कर दिए थे। इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बॉर्डर तक वो बड़ी मुश्किल से पहुंची और उस बात को याद करते हुए अभी भी उन्हें रोना आ जाता है। वही पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने प्रार्थना की है कि उनके अन्य सभी दोस्त भी जल्द भारत लौट आये। इधर, कृति वर्मा ने भी इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में बताया कि वो टरनोफिल पढ़ने के लिए गई थी और रोमनिया बॉर्डर क्रॉस कर जैसे तैसे देश वापसी के लिये पहुंच पाई हैं।
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बता दे कि वतन वापसी कर रहे स्टूडेंट्स को न सिर्फ कई दिनों तक खाना नही मिला, बल्कि पीने के पानी तक कि जद्दोजहद करनी पड़ी। फिलहाल, यूक्रेन में हजारों स्टूडेंट्स अभी भी फंसे है। लेकिन राहत की बात ये है कि इंदौर सहित प्रदेश के अन्य जिलों के स्टूडेंट्स अब पहुंचना शुरू हो गए है और सरकार को उम्मीद है अन्य छात्रों को भी जल्द लाया जाएगा। हालांकि, इस बीच सरकार की मुश्किल उन स्टूडेंट्स के लिए है जो यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव में फंसे हुए है क्योंकि दोनों ही शहरों में रूस के हमले जारी है।