इंदौर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की सड़क प्रशासन से मांग, मोरटक्का पुल पर हैवी वाहनों को चलाने का आदेश करें जारी

Shashank Baranwal
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Indore

Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में गुरुवार को ट्रक ऑपरेटर एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने परियोजना कार्यान्वयन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना के अन्तर्गत परियोजना निर्देशक सुमेश बडाल को मोरटक्का (नर्मदा) पुल का दोबारा निरीक्षण कर हैवी वाहनों के बंद आवागमन को चालू कराने के लिए पत्र दिया है। इस पत्र के माध्यम से एसोसिएशन ने प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मांग

मोरटक्का पुल के रिपेयर होने के बाद सड़क निर्माता कंपनी के हैवी डंपर और हैवी वाहन की निरंतर आवाजाही हो रही है। एसोसिएशन ने पत्र में कहा है कि पुलिस द्वारा रुपये लेकर रात में सड़क निर्माता कंपनी के साथ अन्य हैवी वाहनों की आवाजाही जारी है। अगर इससे पुल को कोई क्षति नहीं पहुंच रही है तो ट्रांसपोर्ट के वाहनों की भी आवाजाही का आदेश प्रशासन की तरफ से दे दिया जाए। अगर ट्रैफिक समस्या होती है तो कानवाई लगाकर समय समय पर गाड़ियों को छोड़ा जाए। जिससे ट्रैफिक की समस्या को कंट्रोल किया जा सके। एसोसिएशन ने पत्र के माध्यम से प्रशासन को सूचित किया कि एसोसिएशन को 100-150 किमी. दूर से आवाजाही करनी पड़ रही है जिससे आर्थिक नुकसान के साथ समय की बर्बादी हो रही है। एसोसिएशन ने प्रशासन से मांग की है कि SGSITS की टीम और अन्य एजेंसी द्वारा पुल का एकबार फिर से निरीक्षण करवाया जाए। जिसके बाद हैवी वाहनों के आवागमन सुचारु रुप से चल सके। साथ ही व्यापारी को हो रही आर्थिक नुकसान से निजात मिल सके।

गौरतलब है कि पिछले महीने अधिक बारिश होने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया था। जिससे मोरटक्का (नर्मदा) पुल पानी में डूब जाने से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके बाद SGSITS की टीम ने निरीक्षण कर रिपेयर किया और आवागमन को चालू कर दिया गया। हालांकि हैवी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था।

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इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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