इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने सीहोर में 28 फरवरी को पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ हुए व्यवहार को लेकर पीड़ा व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने सीहोर प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के साथ घटा घटनाक्रम सरकार के लिए सर दर्द हो गया है। दरअसल सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया गया था और इसमें लाखों श्रद्धालुओं के आने की वजह से भोपाल इंदौर हाईवे पर 25 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। इसके चलते प्रशासनिक व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गई थी और अंततः प्रदीप मिश्रा को यह कार्यक्रम स्थगित करने की घोषणा करनी पड़ी थी।
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कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा करते समय पंडित प्रदीप मिश्रा की आंखों में आंसू थे और बताया जाता है कि उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन के दबाव के चलते वह कार्यक्रम समाप्त कर रहे हैं। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया और लिखा कि “महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला शिव महापुराण और रुद्राक्ष महोत्सव का सात दिवसीय आयोजन दबाव में डालकर पहले ही दिन स्थगित करा दिया गया क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित हुआ।” हालाकि इस मामले में सरकार ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की थी और खुद प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत करके उन्हें हर हाल में आयोजन सफलतापूर्वक कराने का भरोसा दिलाया था। लेकिन अब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। कैलाश (kailash) ने पत्र में लिखा है कि )”28 फरवरी 2022 को सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख सुनकर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची।
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सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सणनातनियो को आघात पहुंचा है। विगत 17 वर्षों से आप इस प्रांत के मुखिया हैं। आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा जी पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा।” कैलाश ने पत्र में लिखा है कि “शिवराज जी, सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के कारण आपकी छवि पर भी असर पड़ रहा है। आपको यह सब अवगत कराने में कष्ट और पीड़ा भी हो रही है। सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ट साबित होगा, यह कल्पना से परे है।” कैलाश ने पत्र में लिखा है कि “मेरा आपसे यही आग्रह है कि मेरे और आप जैसे सनातनी तणो शिव के अनुयाई हैं। भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे हम भी कर लेंगे। किंतु शिवरात्रि के महापर्व पर देश भर से आए शिव भक्तों की क्या गलती थी। गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है।
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सीहोर प्रशासन को जाकर श्री प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगनी चाहिए और कथा प्रारंभ हो जाना चाहिए। मेरी दृष्टि में शिवराज जी के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यों भोगे। मुझे विश्वास है आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे और कथा पुनः प्रारंभ हो, ऐसा प्रयास करायेगे।” कैलाश के इस पत्र के सामने आने के बाद अब सीहोर के जिला प्रशासन के ऊपर गाज गिर सकती है। दरअसल यह विशुद्ध रूप से इंटेलिजेंस का फेलियर है। प्रशासन यह नहीं समझ सका कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ जाएंगे।