इंदौर। आकाश धोलपुरे।
प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल के डॉक्टरों ने जहाँ कुछ दिन पहले एक 3 वर्षीय मासूम के सिर में 4 इंच तक घुसे तीर को निकालकर उसकी जान को बचाने के लिए एक सफल ऑपरेशन किया था वही मंगलवार को एम. वाय. अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के डॉक्टर्स की टीम ने एक नया इतिहास रच दिया। दरअसल, विभागध्यक्ष डॉ. नीलेश दलाल और उनकी टीम में शामिल डॉ. सोमन भट्टाचार्य, डॉ. दीपा जोशी, डॉ. अविनाश पटवारी, डॉ. अलका पटेल, डॉ. शीतल आचले, डॉ. पलक, डॉ. शिवांगी, डॉ. कीर्ति, डॉ. आकाश एवं निश्चेतना विभाग से डॉ. मोनिका गांधी और डॉ. आकांक्षा ने एक महिला के गर्भाशय से 57 गठाने निकाल कर इतिहास रच दिया है। दरअसल, ये पहला ऐसा ऑपरेशन था जो बड़ा जटिल था। बताया जा रहा है कि महिला पिछले 10 संतान ना होने के साथ गम्भीर पेट दर्द से परेशान थी और 10 दिन पहले ही महिला एम. वाय. अस्पताल में भर्ती हुई थी। बीते 10 साल से महिला बच्चे ना होने के लिए इलाज करा रही थी और कुछ समय पहले उसने एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान सोनोग्राफी करवाई तो पता चला कि महिला के पेट मे कई बड़ी और छोटी गठाने है। इसके बाद महिला एम. वाय. अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर्स की टीम के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में उसका इलाज करना था। डॉक्टर्स की माने तो महिला की बच्चेदानी को सुरक्षित रख मौजूद गठाने निकालना एक बड़ी चुनौती थी जिसके बाद पूरी टीम ने समन्वय स्थापित कर आखिर में मंगलवार को ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और महिला के पेट से 57 छोटी बड़ी गठाने निकाली गई वही इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा गया कि महिला की बच्चेदानी सुरक्षित रहे ताकि भविष्य में उसे संतान प्राप्ति का अवसर मिल सके। इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद आखिरकार एम. वाय. अस्पताल प्रबंधन ने एक नया इतिहास रच दिया है। फिलहाल, डॉक्टर्स की माने तो महिला स्वस्थ है वही शहरभहर में इस अनूठे ऑपरेशन की चर्चा चिकित्सा जगत में जारी है।