इंदौर, आकाश धोलपुरे। कोरोना की दूसरी लहर शोर अभी पूरी तरह थमा भी नही है कि MP school निजी स्कूलों के फोन पालकों के मोबाइल पर घनघना रहे है। वही कई निजी स्कूल चालबाजी कर अब सारे नियमों और आदेशो के धता बताते हुए ट्यूशन फीस में अन्य फीस जोड़कर पूरी फीस वसूलने पर आमदा है और ऐसी शिकायते अब प्रदेश के मिनी मुंबई कहलाने वाले इंदौर में आम होती जा रही है। दरअसल, ऐसे निजी स्कूलो के कोविड काल के पहले जारी किए गए ब्रॉशर यदि चेक किये जाये तो तस्वीर साफ हो सकती है।
दरअसल, अब हम आपको ये इसलिये बता रहे है कि क्योंकि इंदौर में जागृत पालक संघ की ओर से मिले सुझावों पर कलेक्टर ने दिए प्रभारी डीईओ को ट्यूशन फीस में अन्य फीस जोड़कर पूरी फीस में लेने वाले स्कूलों के खिलाफ होगी जांच करने के निर्देश दिए है। बता दे कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी झेल रहे पालकों द्वारा स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए लगातार मांग उठाए जाने के बावजूद अब तक कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बुधवार को जागृत पालक संघ ने इस संबंध में सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह व प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक कर स्कूलों द्वारा शासन-प्रशासन के आदेश के बावजूद फीस रेग्युलेटरी एक्ट का पालन नहीं किए जाने की शिकायत प्रमाण के साथ की है।
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इसके अलावा स्कूलों द्वारा फीस रेग्युलेटरी एक्ट के अनुसार ट्यूशन का निर्धारण सुनिश्चित करने संबंधित निर्देश जारी करने की मांग की। इस पर कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी और पूरी फीस को ट्यूशन फीस में जोड़कर लेने से जुड़ी लंबित शिकायतों की जांच कर ऐसे स्कूलों पर पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। जागृत पालक संघ के अध्यक्ष एड्वोकेट चंचल गुप्ता व सचिव सचिन माहेश्वरी ने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा लगातार न्यायलय व शासन के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। ट्यूशन फीस में अन्य सभी प्रतिबंधित मदों को जोड़कर फीस ली जा रही है
जागृत पालक संघ की मांग है कि मध्यप्रदेश निजी स्कूल फीस अधिनियम के प्रावधानों व न्यायालय के आदेश के अनुसार उचित शिक्षण शुल्क का निर्धारण करवाया जाए। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित न रहे है इसकी भी जांच हो। बुधवार को हुई बैठक में ये भी बताया गया कि न्यायलय के स्पष्ट आदेश है कि फीस समय पर जमा नहीं कर पाने के कारण किसी भी बच्चे को ऑनलाइन पढ़ाई या रिजल्ट से वंचित नहीं रख सकते, इसके बावजूद कई स्कूल ऐसा नही कर रहे है।
पालक संघ ने दिए ये सुझाव
- निजी स्कूल मासिक शुल्क लेने के बजाय त्रैमासिक शुल्क ही ले रहे हैं, ऐसे में सभी स्कूलों को आदेशित किया जाए।
- निजी स्कूलों की शिकायतों के निवारण के लिए एक अलग समिति बने जिसमें जागृत पालक संघ भी शामिल हो।
- हेल्पलाइन बनाकर समयसीमा में निवारण किया जाए।
- फीस के अभाव में बच्चों टीसी नहीं रोके जाने बाबद आदेश जारी किए जाएं।
- तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूर्ण सुरक्षा, वेक्सिनेशन व स्कूलों की जिम्मेदारी तय किए बिना स्कूलों का संचालन शुरू नहीं किया जाए।
- जिले में एक स्थाई जिला शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति अतिशीघ्र की जाए।
फिलहाल, इंदौर में निजी स्कूल ही नही बल्कि ट्रस्ट द्वारा संचालित स्कूलों द्वारा भी सरकार के आदेशों का माखौल उड़ाया जा रहा है ऐसे में अब हजारो पालको की उम्मीदें है पालको की आवाज बुलंद करने वाले जागृत पालक संघ से जुड़ी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों स्कूलों की मनमानी को लेकर बड़ा कदम पालको द्वारा उठाया जा सकता है।