Indore News : इंदौर शहर में हुए बावड़ी हादसे के बाद नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण पर कार्रवाई तेज कर दी है। दरअसल स्नेहा नगर स्थित हत्यारी बावड़ी पर स्लैब डालकर अवैध निर्माण किया गया था। जिसमें करीब 36 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद नगर निगम द्वारा ऐसी कई जगहों के बारे में जानकारी जुटाई गई जिसमें स्लैब डालकर अवैध निर्माण किया गया है। इसमें 60 कुएं और बावड़ियां शामिल है।
Indore News : लोग खुद दे रहे हादसों को न्योता
बीते दिन निगम ने अलसुबह बेलेश्वर महादेव मंदिर पर बुलडोजर चला कर उसे ध्वस्त कर दिया था जिसके बाद काफी हंगामा हुआ। क्योंकि जब लोग सो रहे थे तब निगम ने ये कदम उठाया। वहीं आज एक बार फिर निगम ने तीन जगहों पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाए है। दरअसल, चोइथराम स्कूल और परसराम पुरिया स्कूल पर आज निगम ने कार्रवाई की क्योंकि उन्होंने भी अवैध निर्माण कर कुएं पर स्लैब डाली और उस पर रास्ते बना दिया जिसका इस्तेमाल रोज किया जाता है। बच्चे भी इस रास्ते से गुजरते हैं।
इतना ही नहीं परसराम पुरिया स्कूल इस मामले में सबसे आगे निकला। स्कूल प्रबंधन ने कुएं पर स्टोर रूम ही बना लिया। वहीं नेहरू नगर में बने कुंए पर पार्किंग बना दी गई। जिसके बाद आज इन तीनों जगहों पर निगम गरज गया। आज तीनों जगहों पर कार्रवाई की जा रही हैं। इंदौर नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा इस मामले को लेकर कहा गया है कि शहर में कुल 629 कुएं और बावड़िया मौजूद है। जिस पर सर्वे का काम किया गया है। इनमें से 60 स्थान ऐसे मिले हैं जो अवैध रूप से निर्मित किए गए हैं।
इन जगहों पर कुंए और बावड़ियां हैं, जिन पर स्लैप डालकर उन्हें नया रूप दे दिया गया है। अब इन सभी पर कार्रवाई करते हुए इन्हें हटाया जाएगा। वहीं उन पर मुंडेर बनाकर उन्हें सुरक्षित बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी निजी स्थानों पर भी जांच की जाएगी। अगर किसी के वहां स्लैप डालकर अवैध निर्माण किया गया होगा तो उसे तोड़कर जल स्त्रोत को मुक्त किया जाएगा। निगम आयुक्त का कहना है कि बावड़ी हादसे के बाद लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है। ऐसे में सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट पहुंचा इंदौर बावड़ी हादसा
कांग्रेस ने मजिस्ट्रियल जांच के स्थान पर उच्च न्यायलय के सिटिंग जज से ज्यूडिशियल जांच करवाने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर आज उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर की है। जिसके बाद जल्द ही इस पर सुनवाई हो सकती हैं। इसके अलावा शासन ने इस मामले को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश और पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जब ये मामला पीएम मोदी के सामने गया और उन्होंने इस मामले पर संज्ञान लिया तो सीएम शिवराज ने एक्शन लेते हुए जांच के आदेश दिए थे।