Indore: फर्जी कपड़ा व्यापारियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाता था गिरोह का सरगना

Shashank Baranwal
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Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां क्राइम ब्रांच की टीम ने इंदौर से संचालित फर्जी कपड़ा फर्म के मामले में चार आरपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों द्वारा इंदौर जिले के सियागंज में फर्जी कपड़ा फर्म खोला गया था। यहीं से गुजरात और मुंबई के बड़े कपड़ा व्यापारियों को ठगने का काम किया जा रहा था। इस मामले की शिकायत सिमु इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशक सुमीर किनरा और रघुवीर फैब्रिक के शुभम वैद्य ने की थी।

डीसीपी निमिष अग्रवाल के अनुसार चारों आरोपियों में से तीन आरोपी अरविंद पांडे, देवी प्रसाद उपाध्याय और लक्ष्मीकांत शुक्ला सूरत का रहने वाला हैं। वहीं चौथा आरोपी चेतन जैन इंदौर का रहने वाला है।

लाखों रुपये का माल लेकर हुए फरार

पुलिस से शिकायत के दौरान शिकायतर्ताओं ने बताया कि डीके ट्रेडिंग कंपनी एवं बालाजी इंटरप्राइजेस के मालिकों द्वारा धोखाधड़ी की गई है। आरोपियों द्वारा शुरु में साख बनाने के लिए समय पर रुपये जमा करवाया जाता था। लेकिन एक रात आरोपियों ने लाखों रुपये का माल खरीदा और फरार हो गए।

कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता था गिरोह का सरगना

पुलिस की जांच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा सारे दस्तावेजों को फर्म के पते पर करा लिया गया था। साथ ही बैंक के खातों को भी किराए पर खुली फर्म के नाम पर करा लिया था। पुलिस ने आरोपी का लोकेशन ट्रेस किया। जिसके बाद पुलिस की एक टीम को सूरत भेजा गया। वहां पता चला कि गिरोह का सरगना अरविंद पांडे कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता था। जिसे पुलिस ने छात्रों के भेष में आरोपी के कोचिंग में छापा मारा। पुलिस की पूछताछ में सरगना अरविंद पांडे ने बताया कि देवी प्रसाद के साथ मिलकर फर्जी फर्म के सहारे लोगों को ठगने की साजिश रची थी।

 

 

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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