पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने वन विभाग महू पर उठाए सवाल, खुदपर लगे आरोपों को साजिश बताया

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इंदौर, आकाश धोलपुरे। महू से विधायक और प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर से हाल ही एक नया विवाद जुड़ा था, जिसमें उनपर अवैध उत्खनन और डकैती डालने जैसे आरोप वन विभाग के कर्मचारी ने लगाए थे। अब मंत्री उषा ठाकुर ने इस पूरे मामले को साजिश करार दिया है।

बता दें कि वन विभाग के कर्मचारी ने मंत्री और करीब 20 समर्थकों के खिलाफ बाकायदा शिकायती आवेदन बड़गोंदा पुलिस को दिया था। जिस वक्त ये शिकायत की गई थी उस वक्त मंत्री पर्यटन विभाग के दौरे पर केरल गई थी। बड़गोंदा पुलिस थाने में वन विभाग की तरफ से एक आवेदन दिया गया था उसमें मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों पर जब्त की गई जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने का आरोप है। आवेदन राम सुरेश दुबे नामक वनपाल ने दिया था। इस आवेदन के बाद पुलिस विभाग और वन विभाग के हाथ-पांव फूल गए।

दरअसल, मामला क्षेत्र के आड़ा पहाड़ रुंडा का है, जहां वन विभाग ने सड़क खोद रही जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त किया था। लेकिन बाद उसे वन विभाग के परिसर से उठाकर ले जाया गया था। इधर, ये मामला जैसे ही वन मंत्री विजय शाह के पास पहुंचा वैसे ही उन्होंने जांच के निर्देश दिए। इतना ही नही कुछ दिनों बाद शिकायत करने वाले वनपाल का तबादला भी कर दिया गया था। वहीं बाद में हुई जांच में पता चला कि जिस सड़क की जमीन को लेकर विवाद शुरू हुआ वो तो राजस्व की जमीन है। हालांकि इसके बावजूद वन विभाग इस बात को मानने से इंकार कर दिया है।

इधर, सोमवार को मंत्री उषा ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जमीन परिक्षण के बाद वो जमीन राजस्व की निकली है वन विभाग की है भी नही। इन सब प्रमाणों के आधार पर निर्णय होगा और जो गलत होगा वो दंडित होगा। वही उन्होंने कहा कि इस मामले में जो प्रमाणों को नही मान रहा है उसे क्या कहे। दरअसल, वन विभाग इस बात पर अड़ा है कि वो जमीन वन विभाग की ही है। मंत्री उषा ठाकुर ने इंदौर में आशंका जताई कि वनपाल किसी अन्य राजनैतिक दल से जुड़ा हुआ होगा।

इस मामले में कांग्रेस की 15 माह की सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 15 महीनों में जो हुआ जिस प्रकार के उद्दंड कर्मचारी और अधिकारी वहां तैनात हुये। हाल ही में की कार्रवाई को मंत्री ने वनकर्मियों की हिमाकत बताया और कहा कि वो प्रमाणों को भी नही मान रहे है। मंत्री ने कहा कि मैं जनप्रतिनिधि हूं जनता के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना मेरा धर्म और कर्तव्य है। वही उन्होंने महू के रुंडा गांव के बूथ के मेरे 520 मतदाता रोज मजदूरी पर जाते वक्त ऊबड़ खाबड़ सड़क पर गिर जाते है घायल होते है तो उन्हें सड़क समतल करके देना मेरी जिम्मेदारी है। वही उन्होंने कहा कि मेरे मण्डल अध्यक्ष ने अपने ट्रैक्टर और जेसीबी की सहायता से अपने खेत की जमीन की मिट्टी वहां डाली थी ताकि रोड़ समतल हो सके। वही डकैती शब्द के इस्तेमाल को मंत्री ने असंसदीय शब्द बताते हुए कहा कि इसका भी दंड तय होगा और विभाग व सीएम दंड देंगे। वही उन्होंने कहा कि वन अधिकारों का कोई उल्लंघन उस दिन नही हुआ था और ना ही किसी प्रकार का अपराध हुआ और डकैती जैसे शब्द का इस्तेमाल अक्षम्य है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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