जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में नर्मदा रिवर फ्रंट का काम शुरु होने से पहले ही अटकलें लगती नज़र आ रही हैं। दरअसल हाल ही में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने अपनी एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा सबसे ज्यादा जबलपुर में प्रदूषित हो रही है और इसी प्रदूषण को रोकने के लिए पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने रिवर फ्रंट की स्वीकृति प्रदान की थी। साथ ही 160 करोड रुपए इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत भी किए गए थे लेकिन सरकार बदलते ही यह प्रोजेक्ट अटक गया है।
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पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट की मानें तो नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कमलनाथ सरकार ने तिलवारा से भटौली के बीच करीब 9 किलोमीटर का “नर्मदा रिवर फ्रंट” स्वीकृत किया था पर मध्य प्रदेश में वर्तमान की सरकार ने भेदभाव के चलते 160 करोड रुपए के इस प्रोजेक्ट को हटा दिया है। प्रदेश की सरकार के रवैया को देखते हुए लग रहा है कि अब नर्मदा रिवर फ्रंट का काम कभी शुरू नहीं हो सकता। इस मामले पर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का कहना है कि बजट सत्र के दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावे के साथ कहा था कि सरकार का संकल्प है कि नर्मदा में गंदा पानी जाने से रोका जाएगा और इसके ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 1262 करोड रुपए लागत से कार्य किया जाएगा, लेकिन 7 माह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी आज अभी तक नर्मदा प्रदूषित हो रही है जिसकी रिपोर्ट भी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की है।