जबलपुर, संदीप कुमार। भ्रष्टाचार पर सरकार के लगातार एक्शन के बाद भी अधिकारी कर्मचारी रिश्वत (Bribe) लेने से नहीं घबराते। उन्हें ना तो अपनी प्रतिष्ठा जाने का डर है और ना ही नौकरी पर खतरे की चिंता। इसी क्रम में जबलपुर में आज लोकायुक्त पुलिस (Jabalpur Lokayukta Police) ने आज एक और भ्रष्ट कर्मचारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आपको बता दें लोकायुक्त ने एक महीने ने दूसरी बार जिला अस्पताल में छापा मारकर रिश्वतखोर को पकड़ा है।
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जानकारी के मुताबिक जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने जिला अस्पताल में पदस्थ लेखापाल को 8000/- रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में आए एकाउंटेंट का नाम नीरज मिश्रा है, आरोपी नीरज शहपुरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ विनोद ओठवाल से उसकी जीपीएफ राशि निकालने के बदले 10,000/- रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था।
बताया जाता है कि कर्मचारी विनोद ने तकरीबन 3 माह पहले जीपीएफ के लिए आवेदन किया था पर लगातार उसे परेशान करते हुए रिश्वत की मांग की जा रही थी, जिसकी शिकायत विनोद ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से की। लोकायुक्त ने रिश्वत मांगे जाने के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद आज एकाउंटेंट को ट्रेप करने की रणनीति बनाई।
आज जैसे ही शिकायतकर्ता कर्मचारी विनोद ओठवाल ने जिला अस्पताल (विक्टोरिया अस्पताल) पहुंचकर एकाउंटेंट नीरज मिश्रा को रिश्वत की राशि 8000/- रुपये दी वहां पहले से तैयार जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आपको बता दें लोकायुक्त ने एक महीने ने दूसरी बार जिला अस्पताल में छापा मारकर रिश्वतखोर को पकड़ा है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....