जबलपुर, संदीप कुमार। वैसे तो कहने को जबलपुर का नाम संस्कारधानी है पर अगर बात की जाए यहां पर संस्कारों की तो वह बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल रहे है। ताजा मामला मेडिकल कॉलेज का है जहाँ पर की एक नवविवाहिता के शव को पाने के लिए परिजनों को सुबह से लेकर शाम तक का इंतजार करना पड़ा, इतना ही नहीं परिजन प्रशासन और मेडिकल के अधिकारियों से शव पाने की गुहार करते करते थक गए पर किसी का दिल नहीं पसीजा। परिजनों को शव ना मिल पाने की वजह प्रशासनिक अधिकारियों का पोस्टमार्टम के समय उपस्थित ना होना बताया जा रहा है।
पोस्टमार्टम के लिए हो रहा एसडीएम और तहसीलदार इंतजार
2 दिन पहले बिजोरी गांव की रहने वाली एक नवविवाहिता को प्रसव पीड़ा के चलते मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। जहां आज सुबह 5 बजे करीब उसकी हालत बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, नवविवाहिता की मौत होने के बाद परिजन चाह रहे थे कि शव उन्हें सौंप दिया जाए, चूंकि मामला नवविवाहिता की मौत से जुड़ा हुआ है, लिहाजा ऐसे में पोस्टमार्टम के समय तहसीलदार या फिर एसडीएम को मौके पर उपस्थित होकर बयान दर्ज करना अनिवार्य रहता है, पर सुबह से लेकर शाम हो गई ना ही अधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और ना ही नवविवाहिता का पोस्टमार्टम हो पाया। इधर पुलिस का कहना है कि वह लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं और उनके आने के बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
धार्मिक ड्यूटी में लगे हुए हैं एसडीएम और तहसीलदार
पुलिस की सूचना के बाद भी जब प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे तो जानकारी ली गई तब पता चला कि एसडीएम और तहसीलदार की ड्यूटी पनागर में होने वाले ईद उल मिलाद उन नबी कि ड्यूटी में लगे हुई है। ऐसे में जब यह कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा तब ही प्रशासनिक अधिकारी मेडिकल कॉलेज पहुंचेंगे और पोस्टमार्टम हो सकेगा। फिलहाल सुबह से लेकर शाम हो गई है और अभी तक परिजन और पुलिस प्रशासनिक अधिकारी का ही इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अब नवविवाहिता का पोस्टमार्टम शनिवार की सुबह ही हो पाएगा।