Jabalpur News: केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण से रिटायर्ड डीजी वी. मधुकर को मिली बड़ी राहत, विभागीय जांच पर लगाई रोक

2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर छापामार कार्यवाई की थी। इसमें भोपाल के प्रतीक जोशी के ठिकानों पर भी छापा मारा गया था।

V Madhukar

Jabalpur News: भोपाल के आर्म्स डीलर प्रतीक जोशी से 12 करोड़ 50 लाख रुपयों के लेनदेन के आरोपों में घिरे लोकायुक्त पुलिस के रिटायर्ड डीजी वी. मधुकुमार को बड़ी राहत मिली है। जबलपुर के केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने इस मामले मे वी. मधुकुमार के खिलाफ विभागीय जांच पर रोक लगा दी है। साथ ही केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने राज्य और केन्द्र सरकार के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और 2 जुलाई को मामले पर अगली सुनवाई तय कर दी है।

 निजी डायरी के पन्नों पर नहीं हो सकती जांच

केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण याचिकाकर्ता के इस तर्क से सहमत दिखा कि किसी की निजी डायरी के पन्नों में दर्ज संकेतों के आधार पर किसी अधिकारी की विभागीय जांच नहीं की जा सकती है। दरअसल, 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर छापामार कार्यवाई की थी। इसमें भोपाल के प्रतीक जोशी के ठिकानों पर भी छापा मारा गया था। प्रतीक जोशी के घर से आयकर विभाग को एक डायरी मिली थी, जिसमें इंग्लिश में वीएमबी के साथ 12 करोड़ 50 लाख रुपयों की राशि लिखी हुई थी।

2 जुलाई को अगली सुनवाई

जांच एजेंसी ने इस वीएमबी का मतलब, लोकायुक्त के तत्कालीन डीजी वी मधुकुमार को माना। इसी के साथ राज्य और केन्द्र सरकार ने वी मधुकुमार को चार्जशीट देकर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी। इसके खिलाफ रिटायर्ड आईपीएस वी मधुकुमार ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दायर की थी। अब अधिकरण ने उनके खिलाफ जांच पर रोक लगा दी है और सरकार से जवाब तलब करते हुए 2 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News