जबलपुर, संदीप कुमार। सहारा इंडिया चिटफंड कंपनी के खिलाफ जबलपुर में जनाक्रोश तेजी से बढ़ रहा है। निवेशकों के हितों के लिए बने अभिकर्ता हितकारी संघ का आरोप है कि स्थानीय सांसद राकेश सिंह भी इस मामले में चुप्पी साधे हैं। अब 12 अप्रैल को संघ सांसद राकेश सिंह के निवास तक पैदल मार्च कर अपनी बात कहेगा।
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देश और प्रदेश की तरह जबलपुर के कई निवेशकों ने भी सहारा इंडिया कंपनी की कई सोसायटीयो में करोड़ों अरबों रुपए का निवेश किया था। उस समय कंपनी के कर्ता-धर्ताओ ने उन्हें यह विश्वास दिलाया था कि निवेश परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद उन्हें मय ब्याज के मूल रकम मिलेगी। लेकिन न तो मूल रकम मिली और ना ही ब्याज। जबलपुर के पुलिस और प्रशासन ने भी इस पूरे मामले में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की। पिछले 3 सालों से इस मामले में लड़ाई लड़ रहे अभिकर्ता हितकारी संघ के संरक्षक सौरभ नाटी शर्मा का कहना है कि अकेले जबलपुर शहर में 3 लाख निवेशकों के लगभग 700 करोड रुपए सहारा में फंसे हुए हैं।
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आज शहर का हर सहारा निवेशक परेशान है। कोई अपने बच्चों की पढ़ाई तो कोई अपने परिजनों के इलाज तो कोई बेटी की शादी के लिए सहारा इंडिया कार्यालय, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रहा है। सौरभ का कहना है कि इस पूरे मामले में 15,000 पोस्ट कार्ड के माध्यम से निवेशकों की पीड़ा सांसद राकेश सिंह तक भी पहुंचाई गई और मदद की अपील की गई लेकिन आज तक उनके द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया।
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अब संघ ने निर्णय लिया है कि सांसद राकेश सिंह से सहारा इंडिया में लंबित भुगतान की समस्या को ध्यान में दिलाने और लोकसभा में जबलपुर के निवेशकों की बात रखने और सरकार को इस समस्या के निराकरण के लिए बात करने के लिए 12 अप्रैल को सांसद के निवास तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। यह पैदल मार्च सिविल लाइन होटल कल्चुरी से माननीय सांसद के निवास कार्यालय तक जाएगा। संघ ने जबलपुर के सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे सहारा के पीड़ित निवेशकों की इस जंग में शामिल होकर उनका हक दिलाएं।