जबलपुर, संदीप कुमार। अवैध कॉलोनियों (illegal colonies) को वैध करने के मध्य प्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन को लेकर आज हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार स को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है कि आखिर राज्य सरकार ने किस आधार पर प्रदेश की अवैध कॉलोनी को वैध करने का नोटिफिकेशन जारी किया था।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, याचिका में कहा गया है कि, सरकार के इस कदम से न केवल शहर में अवैध कॉलोनी की संख्या बढ़ेगी बल्कि इस कदम से अव्यवस्था भी बढ़ेगी।
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नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने कहा है कि, सरकार के इस फैसले से उन लोगों को नुकसान होगा जो सरकार के सारे नियमों के साथ रेरा जैसी संस्थाओं का ना केवल पालन कर रहे हैं बल्कि एक कॉलोनी बनाने के पहले सरकार के खजाने में तमाम टैक्स के नाम पर एक मोटी रकम भी जमा करते है।
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रजत भार्गव का कहना है कि, सरकार के इस कदम से अवैध कालोनियां की संख्या बढ़ेगी, जिनमें ना तो बिजली की व्यवस्था होगी, ना नाली की व्यवस्था होगी, ना साफ पीने का पानी होगा जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में जनता को ही भुगतना पड़ेगा।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने साल 2021 में एक नोटिफिकेशन जारी कर यह कहा था कि, मध्य प्रदेश के तमाम अवैध कॉलोनी को वैध कर दिया जाएगा। सरकार के इस कदम से जहां पर अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों में खुशी है तो वही दूसरी ओर उन कॉलोनाइजर और बिल्डरों को नुकसान पहुंचेगा जो सरकार के नियम कानूनों का पालन करते हुए कॉलोनी डवलप करते हैं।