जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कोविड योद्धा योजना का लाभ न देने पर अवमानना नोटिस जारी किया है। दरअसल प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में पंचायत कर्मियों को भी कोरोना वारियर घोषित किया था। इस प्रावधान के तहत पंचायत कर्मियों की कोरोना से मृत्यु होने मुख्यमंत्री कोविड योद्धा योजना के तहत 50 लाख रुपये दिए जाने का नियम था। लेकिन याचिककर्ता के परिवार मे मुखिया की मौत के बावजूद परिवारजनों को तय राशि नहीं दी गई।
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मामला यह था
अवमानना याचिकाकर्ता के पति सुरेश श्रीवास्तव ग्राम पंचायत विरहा में पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत थे। उनके पति की 26 सितंबर, 2020 को कोरोना से मृत्यु हो गई। उन्होंने कोविड योद्द्धा के अंतर्गत लाभ दिए जाने का आवेदन दिया, लेकिन उनके आवेदन को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया गया कि मृतक का आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हुआ था। मृतक कर्मी के सीटी स्कैन में चेस्ट स्कोर 17 आया था। इसके साथ ही मेडिकल रिपोर्ट में मृत्यु का कारण कोविड निमोनिया लिखा गया है। इसके बाद भी याचिकाकर्ता को कोविड योद्धा योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। कोविड योद्धा योजना का लाभ न देने पर हाई कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया है। इसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सीइओ को तीन सप्ताह का समय दिया गया है।
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इस पूरे मामलें में याचिकाकर्ता के पति कोविड की वजह से काल के गाल में समा गये, जिसेक बाद परिजनों ने तमाम दस्तावेजों के साथ अपील की लेकिन सबूतों के बावजूद कोविड योद्धा योजना का लाभ देने की दिशा में गंभीरता नहीं बरती गई। लिहाजा, पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसका इस निर्देश के साथ निराकरण कर दिया गया था कि कोरोना से मृत पंचायत कर्मी की पत्नी को कोविड योद्धा योजना का लाभ दिए जाने पर 30 दिन में निर्णय किया जाए।इसके बावजूद सीइओ ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया। इसीलिए अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।