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Sun, Dec 21, 2025

भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही वस्त्र पहनकर करें मंदिर में प्रवेश, हिंदू संगठनों का महिलाओं से अनुरोध

Written by:Atul Saxena
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हिंदू सेवा परिषद ने भी शहर के मंदिरों में पोस्टर लगाकर लिखा है कि सभी महिलाएं एवं पुरुष मंदिर में मर्यादित कपड़े में ही आयें। महिलाएं विशेषतः आदर्श कपड़े का उपयोग करें, जैसे साड़ी एवं सलवार सूट।
भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही वस्त्र पहनकर करें मंदिर में प्रवेश, हिंदू संगठनों का महिलाओं से अनुरोध

जबलपुर के मंदिरों में हिंदू संगठनों ने पोस्टर लगाकर महिलाओं से अनुरोध किया है कि मंदिर में यदि भगवान के दर्शन पूजा करने के लिए आते हैं तो भारतीय संस्कृति के लिहाज से ही वस्त्र पहकर आयें। हिंदू संगठनों ने पोस्टर भी लगाये हैं जिसमें लिखा हुआ है कि जो भी महिलाएं भगवान की पूजा करने के लिए मंदिर आती है, वो हमारे द्वारा बताए गए ड्रेसकोड को ही पहनकर आयें।

संगठनों का कहना है कि सावन में अधिकतर महिलाएं मंदिर में पूजा करने आती है, उनके लिए ही पोस्टर लगाकर उनसे अपील की जा रही है। जबलपुर में ये पोस्टर महाकाल समिति, हिंदू सेवा परिषद, अंतराष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने लगाए है, उनका कहना है कि जल्द ही पूरे मध्य प्रदेश और फिर भारत में इस तरह की पोस्टर मंदिरों में लगे देखने मिलेंगे।

पोस्टर्स पर ये लिखा हिन्दू संगठनों ने 

महाकाल संघ अंतराष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने निवेदन करते हुए पोस्टरों में लिखा है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरुप ही वस्त्र पहनकर ही प्रवेश करें, छोटे वस्त्र हाॅफ पेंट, बर्मुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, जींस-टाॅप आदि पहनकर आने पर मंदिर के बाहर ही दर्शन करने होंगे। बालिकाएं एवं महिलाएं मंदिर परिसर में सिर ढककर ही प्रवेश करें। इसे अन्यथा ना लें, भारतीय संस्कृति आपको ही बचाना है।

धार्मिक भावनाएं आहत न हो इसलिए ये प्रयास 

हिंदू संगठन  के कार्यकर्ता कन्हैया तिवारी ने बताया कि मंदिरों में जब महिलाएं भारतीय परिधान के अलावा कोई वस्त्र पहन कर आती हैं, तब अन्य श्रद्धालुओं का ध्यान भी आकर्षित करती हैं, जो हमारी धार्मिक भावनाओं को कहीं ना कहीं ठेस पहुंचाने का भी काम करती हैं। उन्होंने कहा महिलाओं को हिंदू धर्म में शक्ति के रूप में पूजा जाता है ऐसे में महिलाओं से भारतीय परंपरा के अनुसार ही वस्त्र पहनने की अपील संगठन ने की है जिससे किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत न हो।

महिलाओं से अपील, मुहिम में साथ दें 

कन्हैया तिवारी का कहना है कि शुरुआत प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से की है, जिसके तहत अभी तक शहर भर के चालीस से अधिक मंदिरों में जाकर पोस्टर चिपकाए गए हैं। महिलाओं से अपील भी की जा रही है, कि भारतीय संस्कृति के लिए हमारा साथ दें, और ये मैसेज सभी तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा यदि महिलाओं को भारतीय संस्कृति के अनुरूप वस्त्र नहीं पहनना है। तब उन्हें मंदिर परिसर के अंदर जाने से भी रोका जाएगा।

 जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट