Jabalpur News : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार को अपनी मांगे पूरी कराने के लिए विभिन्न संगठनो के द्वारा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन और धरने किए जा रहे है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 15 मार्च को प्रदर्शन किया था। जिससे कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जिसके कारण सरकार की चिंता बढ़ गई है।
सरकार के खिलाफ की गई नारेबाजी
बता दें कि 15 मार्च को जबलपुर के टाउन हॉल में इन आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया था। आज एक बार फिर संगठन ने सीटू के बैनर तले हड़ताल शुरू कर दी। आशा ऊषा कार्यकर्ताओ के द्वारा धरने पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
कार्यकर्ताओं की ये हैं मांग
इस मौके पर उन्होंने कहा कि, सरकार ने अपने ताजा बजट में आशा और उषा कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं रखा। उनका काम लगातार बढ़ाया जा रहा है लेकिन उनको मिलने वाला मानदेय अत्यंत कम है। आंदोलन कर रही आशा और उषा कार्यकर्ताओं की मांग है कि उनका मानदेय 10 हजार रुपये और पर्यवेक्षकों का 15 हजार रुपये महीने किया जाए।
घंटाघर में किया प्रदर्शन
साथ ही, यह मांग भी की है कि उनको प्रति माह एक निश्चित तारीख तक मानदेय अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए। ऐसी तमाम मांगों को पूरा करने के किए जाने आशा और उषा कार्यकर्ता व पर्यवेक्षकों ने एक संयुक्त मोर्चा तैयार की पूरे प्रदेश में हड़ताल की जा रही है। जबलपुर में आज सैकड़ों आशा- उषा कार्यकर्ताओं ने घंटाघर में प्रदर्शन किया।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट