जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्र में दो सगी बहनों की एक तालाब में डूबने से मौत (death of two sisters) हो गई। दोनों बहनें परिवार के साथ शिवलिंग का विसर्जन करने गई थीं। घटना के बाद से ग्रामीणों में गुस्सा है। उनका कहना है कि जिस तालाब में बच्चियां डूबीं वो दरअसल तालाब नहीं है वो अवैध खनन के लिए माफिया द्वारा खोदे गए गड्ढे है।
पाटन थाना के ग्राम उड़ना में आज दो सगी बहनों की तालाब में डूबने से मौत गई। दोनों बहने अपनी मां और दादी के साथ शिवलिंग विसर्जित करने गई हुई थी। तभी पैर फिसल जाने से वह डूब (two sisters drowned in the pond) गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और दोनों बहनों को पानी से बाहर निकाला पर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
ये भी पढ़ें – भागवत करने गए मिर्ची बाबा को कथा समाप्त होने से पहले ही मिला पुलिस का प्रसाद
ग्रामीणों के मुताबिक जिस तालाबनुमा गड्ढे में दोनों बहनें की मौत हुई हैं वह खनन माफिया द्वारा खोदे गए हैं। ग्रामीण बताते हैं कि गांव के आसपास कई सालों से अवैध खनन हो रहा है, क्षेत्र में गहरे-गहरे गड्ढे खोदे गये हैं जिसमें बारिश का पानी भर जाने से ये गड्ढे मौत के तालाब बन जाते हैं।
ये भी पढ़ें – मिशन 2023 की तैयारी तेज, BJP ने इस सांसद को सौंपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
मृतकों के परिजनों ने बताया कि घर पर शिवलिंग की स्थापना की गई थी। नेहा और निधि परिवार वालों के साथ गांव के बाहर तालाब नुमा गड्ढे में शिवलिंग विसर्जित करने गई हुई थी। उसी समय अचानक ही नेहा और निधि का पैर फिसल गया जिसके चलते दोनों ही बहने गहरे गड्ढे में जा समाई। जब तक स्थानीय लोग उन्हें बाहर निकालते तब तक दोनों की ही मौत हो चुकी थी।
ये भी पढ़ें – अंडमान निकोबार के द्वीप समूह देखने का सुनहरा मौका, IRCTC के इस स्पेशल प्लान पर एक नजर जरूर डाल लीजिये
घटना के बाद से ग्रामीणों में गुस्सा है उनका कहना है कि लंबे समय से गांव में अवैध खनन चल रहा हैं बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन, खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन ने इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि जल्द ही अगर खनन माफिया पर करवाई नहीं हुई तो आगे भी इस तरह की घटना होती रहेंगी।