Lok Sabha Election: निर्वाचन कार्यालय में चिल्लर लेकर पहुंचा जबलपुर से निर्दलीय उम्मीदवार, कर्मचारी देखकर रह गए दंग

Jabalpur

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होगा। इसके लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर लोकसभा सीट से निर्दलयी उम्मीदवार नामांकन पर्चा लेने पहुंचे, जिसके बाद जिला निर्वाचन कार्यालय में अजीबोगरीब स्थित बन गई। आइए जानते हैं विस्तार से…

कर्मचारी देखकर रह गए दंग

दरअसल, जबलपुर लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विनय चक्रवर्ती चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पर्चा लेने गए। जहां उम्मीदवार ने नकदी रुपए में नोट नहीं बल्कि चिल्लर लेकर पहुंचा। इस दौरान उम्मीदवार अपने गाड़ी से करीब 25 हजार रुपए में कुछ नोट और सिक्के लेकर निर्वाचन अधिकारियों के सामने रख दिया। वहीं इतने सारे चिल्लर और नोट देखकर कर्मचारी भी हैरान हो गए, जिसके बाद कर्मचारियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। लिहाजा, करीब आधे घंटे तक कर्माचारियों द्वारा 25000 रुपए को गिना गया और फिर नामांकन पर्चा निर्दलीय उम्मीदवार को सौंपा।

युवाओं के दम लड़ रहे चुनाव

निर्दलीय उम्मीदवार विनय चक्करवर्ती का कहना है कि वह नामांकन फार्म लेने आया था। लेकिन निर्वाचन कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों को कहना था कि वे डिजिटल पेमेंट नहीं लेते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ कैश ही देना पड़ेगा। विनय चक्रवर्ती ने बताया कि वह यादव कॉलोनी में रहता है और पेशे से बिल्डर है। स्थानीय लोग और दोस्तों के कहने पर जबलपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी की है। साथ ही उनका कहना है कि वह युवा हैं और युवाओं के दम पर ही जबलपुर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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