जबलपुर सीएसपी अखिलेश गौर का बडा फैसला, सीएम बोले-आपका यह कदम सराहनीय

Pooja Khodani
Published on -
जबलपुर सीएसपी

जबलपुर, संदीप कुमार। एक तरफ कोरोना संक्रमण से लड़ाई में हर कोई अपने स्तर से मदद के लिए आगे आ रहा है।वही दूसरी तरफ जबलपुर (Jabalpur CSP) के गोहलपुर के सीएसपी अखिलेश गौर ने सीएम को पत्र लिखकर अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष (Chief Minister Relief Fund) में देने का निर्णय लिया है।इस फैसले की सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने भी जमकर सराहना की है।

गेहूं उपार्जन : मध्य प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत, 25 मई तक होगी खरीदी

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि जबलपुर के गोहलपुर में पदस्थ CSP श्री अखिलेश गौर ने सकारात्मक पहल करते हुये एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्णय लिया है।हमारा जज्बा ही होता है जो हमें विपरीत परिस्थितियों में भी आपदाग्रस्त लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।आपका यह कदम सराहनीय है।

दरअसल, जबलपुर सीएसपी ने सीएम को पत्र लिख कर कहा है कि कोरोना से कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे मध्यप्रदेश एवं देश में वृहद स्तर पर फैला हुआ है जिसमे कारण कोरोना संक्रमण के बचाव के शासन प्रशासन द्वारा हर स्तर पर बहुत प्रयास किये जा रहे है ।मैं अखिलेश गौर नगर पुलिस अधीक्षक, गोहलपुर, जबलपुर संभाग अपनी अंतरात्मा की आवाज को स्वीकार करते हुए अपने 1 माह का वेतन इन बचाव कार्यो के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करना चाहता हूं ताकि इसका उपयोग इस महामारी में लड़ने उपयोग किया जा सके।

इन जिलों पर विशेष फोकस, सीएम शिवराज सिंह बोले- अधिकारी और प्रभारी मंत्री तेजी से काम करें

जबलपुर सीएसपी ने आगे लिखा है कि विगत एक माह में देखा गया कई परिवारों ने अपनों को खोया है। कई व्यक्तियों ने अपना रोजगार खोया है। शासन प्रशासन ऐसे लोगो के साथ भावनात्मक ओर आर्थिक रुप से खड़ा हुआ है और हरसंभव मदद कर रहा है। महोदय जी इस समय जनता को अधिकारियों की सेवा और त्याग भाव की आवश्यकता है, ताकि लोगो मे शासन व्यवस्था के प्रति एक विश्वाश पैदा हो सके। जनता के बिना सहयोग से इस महामारी से लड़ना बहुत कठिन है। मुझे विश्वास है कि बूंद बूंद से सागर भरता(बनता) है महोदय जी इसे स्वीकार करे ताकि इससे में प्ररित होकर जनसेवा कर सकूं।

 

 

 

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News