जबलपुर हाई कोर्ट जस्टिस के स्टेनो से मारपीट तो उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड़

Gaurav Sharma
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phyical assualt in jabalpur

जबलपुर,संदीप कुमार। जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) जस्टिस ( Justice) के स्टेनो (Steno ) से मारपीट (physical assualt) और उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ (teasing) का मामला सामने आया है। आरोप भी पुलिस आरक्षक (Police constable) के बेटे और उसके साथियों पर लगा है, जिसके चलते पीड़ित परिवार को थाने से लेकर एसपी ऑफिस (SP Office) तक न्याय की गुहार लगानी पड़ी। आरक्षक के बेटे का नाम सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस ने जहां पीड़ित पति पत्नी को धमकाया और कार्रवाई टालने का प्रयास किया।

मामला ग्वारीघाट थाना क्षेत्र (Guarighat Police Station Area) के जिलहरी घाट का है। जहां शुक्रवार रात मां नर्मदा के दर्शन करने हाई कोर्ट जस्टिस के स्टेनो विनायक अपनी पत्नी के साथ पहुंचे थे, जहां पहले से ही नशे में धुत आरक्षक हरिहर सिंह का बेटा महेंद्र सिंह अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मना रहा था। अचानक आरोपी महेंद्र और उसके दोस्तों ने स्टेनो विनायक के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया और उसकी पत्नी के साथ बदसलूकी करने लगे।

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इतना ही नहीं नशे में धुत युवक महिला को सुनसान इलाके में ले जाने का प्रयास करने लगे, जिसका विरोध करने पर बदमाशों ने पति और पत्नी दोनों को जमकर पीटा, इस दौरान महिला ने मारपीट का वीडियो बनाना शुरू कर दिया और शोर मचाया। इसके साथ ही उसने डायल 100 को फोन लगा दिया, जिसके बाद चारों लड़के वहां से बाइक छोड़कर भाग निकले।

पीड़ित पक्ष का कहना है कि इस घटना के बाद वह मामले की शिकायत करने ग्वारीघाट थाने पहुंचे लेकिन आरोपी महेंद्र का पिता थाने में ही आरक्षक है और उनकी शिकायत लिखने की बजाय उन्हें वहां से टालने के प्रयास किया गया। दूसरे दिन पीड़ित दंपत्ति एसपी ऑफिस पहुंचे, जहां मीडिया कर्मियों को मामले की जानकारी लग गई। मीडिया को मामले की जानकारी लगते ही एसपी एक्टिव हो गए और उन्होंने खुद पीड़ित को थाने भिजवाया, जहां शिकायत दर्ज करवाई गई।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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