जबलपुर लोकायुक्त का छापा, क्लर्क 5 हजार, एकाउंटेंट 25 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी (Bribe) थम नहीं रही है। सख्ती के बावजूद अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेने  नहीं है। लोकायुक्त की टीम ने कार्यवाही करते हुए दो रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों को रंगे हाथ पकड़ा है। जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने जबलपुर में आदिमजाति विभाग के क्लर्क को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते और छिंदवाड़ा में आदिवासी विकास विभाग की एकाउंटेंट हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

लोकायुक्त जबलपुर (Jabalpur Lokayukt) टीम ने आज मंगलवार को जबलपुर के आदिवासी विभाग के उपायुक्त कार्यालय और छिंदवाड़ा के सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यालय में रेड करते हुए एक कम्प्यूटर ऑपरेटर को पांच हजार की रिश्वत लेते हुए तो वहीं, महिला लेखापाल को 25 हजार के रंग लगे हुए नोटों के साथ गिरफ्तार किया। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद जबलपुर और छिंदवाड़ा के दोनों कार्यालय में हड़कंप मच गया।

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जनजाति तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी को आज मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने रंग लगे हुए नोट लेते हुए दबोच लिया । लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई संभागीय उपायुक्त कार्यालय में की है। जिसमें आरोपी लिपिक दस हजार की रिश्वत मांग रहा था। जिसे पांच हजार की रकम लेते धर लिया गया।

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लोकायुक्त पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम ठिकरिया नारायणपुर जिला मंडला निवासी पवन झारिया ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू से शिकायत की थी कि उसकी पत्नी आरती झारिया का शिक्षक वर्ग 2 में चयन हुआ है। जिस की पदस्थापना का आदेश कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजाति तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर संभाग से निकलना था। कुछ दिन पहले जब वह उक्त कार्यालय में पहुंचा तो वहां सहायक ग्रेड 3 लिपिक मनीष परते से मुलाकात हुई। तब लिपिक मनीष ने आदेश देने के एवज में 10,000 की रिश्वत मांगी। रिश्वत के पैसे लिए बिना मनीष उसकी पत्नी का आदेश जारी नहीं दे रहा है।

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शिकायत के बाद लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने डीएसपी जेपी वर्मा और उनकी टीम को आरोपी लिपिक मनीष को रंगे हाथ पकडऩे के निर्देश दिए। जिसके बाद पवन ने लिपिक मनीष से बात की और आज 5000 रिश्वत देने के लिए मनीष ने पवन को अपने कार्यालय में बुलाया था। लोकायुक्त की टीम ने पवन को उपायुक्त कार्यालय भेजा। दोपहर में करीब 12:00 बजे जैसे ही लिपिक मनीष ने रिश्वत के 5000 लिए वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया।

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इधर छिंदवाड़ा में भी लोकायुक्त द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर चर्चाएं खूब थीं। इसका कारण सेवा पुस्तिका में जन्म सुधार के लिए जनजातीय विभाग में कार्यरत लेखापाल श्रीमती संगीता झाड़े पति प्रमोद झाड़े द्वारा बालक आदिवासी छात्रावास अमरबाड़ा में पदस्थ प्यून गंगाराम सूर्यवंशी से सेवा पुस्तिका में वास्तिवक जन्मतिथि दर्ज करने के एवज में 80 हजार रुपए मांगे थे। आवेदक रिश्वत की पहली किस्त पच्चीस हजार लेकर लेखापाल के पास जैसे ही पहुंचा, लोकायुक्त ने दबोच लिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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