जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में स्थित सिद्धि विनायक अस्पताल का एक नया कारनामा सामने आया है। जहां सिद्धि विनायक अस्पताल के कर्मचारियों ने मेडिकल कालेज में भर्ती मरीज को बिना परिजन को बताए अपने अस्पताल ले आए और उसका ईलाज करना शुरू कर दिया। दो दिन बाद मरीज की मौत हो जाती है तो अस्पताल संचालक बिना पुलिस को सूचना दिए शव को परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए है।
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सिद्धि विनायक अस्पताल पर आरोप
मृतक के पुत्र ने बताया कि 29 मई को ग्राम धनवाही में मालवाहक आटो से चरण सिंह का एक्सीडेंट हो गया था। मृतक के बेटे ने 108 में उसे घायल अवस्था में लाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। जहाँ उसका इलाज चल रहा था। रात में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने आकर उसे डिस्चार्ज कराकर अपने अस्पताल में एडमिट करा दिया। जहां पर उसका ठीक ढंग से इलाज नहीं हुआ और इलाज में घोर लापरवाही के कारण चरण सिंह की मृत्यु हो गयी।
बगैर पोस्टमार्टम करवाए दे दी बॉडी
इस मामले में शिकायतकर्ता महिला का कहना है कि निजी अस्पताल सिद्धि विनायक के द्वारा बिना पोस्टमार्टम किये उसकी मृतक की डेडबॉडी सौंप दी गयी। जबकि एक्सीडेंट केस में मृतक का पोस्टमार्टम होना जरुरी रहता है। अस्पताल के द्वारा घोर लापरवाही की गयी। एक गरीब आदिवासी परिवार के साथ धोखा किया गया।