Jabalpur News : हमलावरों ने चलती कार पर मारे पत्थर, रिटायर्ड नर्स की मौत

घटना की जानकारी घमापुर पुलिस को रविवार की सुबह मिली जिसके बाद पुलिस ने मृतिका विराज दुबे के परिवार वालों के बयान लेने के बाद आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।

Amit Sengar
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Jabalpur News : रात के करीब तीन बजे जबलपुर- ग्वारीघाट निवासी दीपांशु शुक्ला अपनी बुआ को लेकर कार से घर जा रहा था। दीपांशु की छोटी बुआ रश्मि आगे बैठी हुई थी। जैसे ही उनकी नैनो कार( MP49-C- 2447) जीसीएफ स्टेट से आगे बढ़ते हुए केन्द्रीय स्कूल के पास पहुंची, तभी सामने खड़े दो लड़कों ने पत्थर का बड़ा टुकड़ा फेंक कर मारा, पत्थर कांच तोड़ते हुए कार में पीछे बैठी महिला विराज दुबे के सिर पर जा लगा। इस घटना में बुजुर्ग महिला के सिर पर गंभीर चोट आई। आनन-फानन में दीपांशु महिला को लेकर निजी अस्पताल पहुंचा जहां रविवार की सुबह महिला ने दम तोड़ दिया।

क्या है पूरा मामला

घटना की जानकारी मिलने के बाद एएसपी समर वर्मा सहित घमापुर थाना का स्टाफ मौके पर पहुंचकर आरोपियों की पतासाजी में जुट गया है। मृत महिला विराज दुबे शासकीय अस्पताल से नर्स के पद से रिटायर हुई है। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालना शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक मृतिका विराज दुबे ग्वारीघाट थाना के दुर्गा नगर में रहती है। पास में ही उनकी छोटी बहन और भतीजा दीपांशु भी रहता है। डिंडौरी में इनकी जमीन है जहां ये अक्सर शनिवार को जाया करता थे और फिर लौटकर रविवार या फिर सोमवार की आते थे। रविवार की दीपांशु का एलएलबी का पेपर था, जिसके चलते शनिवार की रात करीब 11 बजे नैनो कार में बैठकर तीनों जबलपुर के लिए निकले। रात 3 बजकर 10 मिनट पर जैसी ही कार सेंट्रल स्कूल के पास पहुंची, तभी सामने खड़े दो लड़कों ने एक बड़ा पत्थर उठाया और कार में मार दिया। पत्थर विराज दुबे के सिर पर जा लगा, जिससे कि उनका सिर फट गया।

घटना के बाद दीपांशु ने सबसे नजदीक सिटी अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर इलाज करना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। घटना की जानकारी घमापुर पुलिस को रविवार की सुबह मिली जिसके बाद पुलिस ने मृतिका विराज दुबे के परिवार वालों के बयान लेने के बाद आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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