जबलपुर, संदीप कुमार। बावन तालाबों के शहर के रुप में पहचाने जाने वाले जबलपुर (jabalpur) में आज उंगलियों में गिनने लायक तालाब बचे हैं क्योंकि भूमाफिया ने अधिकांश तालाबों का वजूद खत्म कर दिया। इस बीच जबलपुर कलेक्टर ने अपने मजिस्ट्रियल अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए, तालाबों के संरक्षण की दिशा में बड़ा फैसला सुनाया है। कलेक्टर ने अपनी कोर्ट से निर्णय सुनाते हुए शहर के महानद्दा तालाब को जीवंत इकाई माना है और तालाब के अतिक्रमण हटाकर उसे मूल स्वरुप में लौटाने का फैसला सुनाया है।
कलेक्टर इलैया राजा टी का कहना है कि भू राजस्व संहिता के मुताबिक तालाब की जमीन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता लेकिन महानद्दा तालाब की जमीन को कई हिस्सों में बेच दिया गया और 15 एकड़ में फैला तालाब सिकुड़ता चला गया। ऐसे में जबलपुर कलेक्टर ने तलाब की जमीन बिक्री की जांच के आदेश दिए हैं और अवैध निर्माण हटाकर महानद्दा तालाब को उसके मूल स्वरुप में लाने के निर्देश दिए हैं।
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शहर के बीच स्थित महानद्दा तालाब की जमीन पर निजी कॉलेज,मकान सहित कई व्यवयासिक गतिविधियां चल रही हैं लेकिन अब कलेक्टर के आदेश पर इन निर्माणों को हटाकर तालाब को वही मूल स्वरुप दिया जाएगा जो आज से 100 साल पहले था।