Jabalpur Lokayukta Police News : जबलपुर में पदस्थ रहते अनुपातहीन संपति कमाकर बहुत ही कम समय में बैंक का लाखों रुपए लोन लौटने वाले 1993 बैच के रिटार्यड आईएएस रमेश थेटे और उनकी पत्नी मंदा थेटे के खिलाफ जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पूर्व आईएएस रमेश थेटे जबलपुर में 2001-2002 में नगर निगम आयुक्त और संचालक रोजगार एंव प्रशिक्षण जबलपुर के पद पर पदस्थ थे, इस अवधि के दौरान उन्होंने कई बैंकों करीब से 68 लाख रुपए का लोन लिया और उसे चुका भी दिया। लोकायुक्त ने इस मामले पर शिकायत मिलने के बाद 2012-13 में जांच करना शुरू किया और 10 साल बाद पूर्व आईएएस और उनकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
यह है मामला
लोकायुक्त से मिली जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रमेश थेटे जब 2001-2002 में जबलपुर आयुक्त नगर निगम के पद पर पदस्थ रहें और फिर बाद में संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण जबलपुर के पद पर कई सालों तक पदस्थ रहें, इस अवधि के दौरान आईएएस रमेश थेटे और उनकी पत्नी मंदा थेटे ने जबलपुर के कई बैंकों से लगभग 68 लाख रुपए का लोन लिया गया।
लोन को पूर्व आईएएस रमेश थेटे ने 2012-13 की अल्प समय पर ही वापस भी कर दिया। बहुत ही कम समय में इतनी बड़ी रकम को बैंक से लेकर उसे वापस करने पर जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने 2012-13 में इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी और जांच में पाया कि कहीं ना कहीं रमेश थेटे ने अनुपातहीन संपत्ति दर्ज कर उसे लोन के रूप में चुका दिया गया है। इसी जांच के आधार पर पूर्व आईएएस और उनकी पत्नी के खिलाफ धारा 13 (1) बी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 (संशोधित 2018) तथा 120 बी भा.दं.वि के अंतर्गत रिटायर्ड आईएस और उनकी पत्नी मंदा थेटे के खिलाफ दर्ज कर इसे विवेचना में लिया गया है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट