जबलपुर, संदीप कुमार। ओला कैब कंपनी (OLA cab company) की मनमानी के खिलाफ जबलपुर में बीते एक सप्ताह से जिले में चलने वाले करीब 450 वाहनों के पहिये पूरी तरह से थमे हुए हैं, जिसके चलते यातायात काफी हद तक प्रभावित हुआ है। इधर अब कंपनी के खिलाफ वाहन मालिक और ऑपरेटर लामबंद हो गए हैं, ओला वाहन ऑपरेटर्स को कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है।
ओला ऑपरेटरों ने निकाली रैली
ओला कंपनी के खिलाफ आज जबलपुर में करीब 4 सौ से ज्यादा वाहनों ने सिविक सेंटर से घण्टाघर तक वाहन रैली निकाली और फिर अपनी शिकायत प्रशासनिक अधिकारी के पास दर्ज कराई। इधर ओलो ऑपरेटर्स का साथ अब कांग्रेस भी दे रही है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सौरभ शर्मा की मानें तो ओला कंपनी बीते सात सालों से ऑपरेटर्स और वाहन मालिकों का शोषण कर रही है। कंपनी में लोक लुभावने वादे कर पहले तो शहर के युवाओं से कारें फाइनेंस करवाई और फिर उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 4 से 5 हजार रुपये का लालच देकर कंपनी में कार अटैच करवा ली। बाद में फिर ओला कंपनी ने अपना कमीशन बढ़ाते हुए 10 % से 20% कर दिया। इतना ही नही कंपनी, ने आनन फानन में अपना ऑफिस भी बंद कर दिया। ओला कंपनी ने जिस तरह का धोखा शहर के युवाओं से किया है उसे कांग्रेस किसी भी कीमत बर्दाश्त करेगी। गुरूवार को कांग्रेस और ओला ऑपरेटर्स ने कलेक्टर को पत्र सौप कर जाँच कर कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है।
आरटीओ के माध्यम से प्रशासन करवायेगा समझौता
इधर ओला संचालकों की शिकायत पर प्रशासन ने आरटीओ से बात की है। साथ ही प्रशासन कोशिश करेगा कि कंपनी से सामंजस्य बनाकर बात की जाए, इसी के साथ प्रशासन ओला कंपनी को नोटिस भी जारी करेगा।
बता दें कि करीब सात साल पहले जबलपुर में जब ओला की शुरुआत हुई तो काफी कम दामों में यात्री सुगमता से सफर कर रहे थे। कुछ सालों तक तो सब कुछ ठीक था पर हाल ही के कुछ माह पहले ओला कंपनी ने अचानक ही अपना बोरिया बिस्तर उठाकर बिना कुछ बताए आफिस बन्द कर दिया, जिसके बाद ओला ऑपरेटर्स में आक्रोश है।। बहरहाल देखना होगा कि प्रशासन कंपनी और ओला ऑपरेटर के बीच किस तरह से समझौता करने में कामयाब होता है।