जबलपुर, संदीप कुमार। गरीबी इंसान का क्या हाल कर सकती है? इसके कई उदाहरण आप लोगों ने देखे होंगे। लेकिन क्या कोई गरीबी के कारण इतना मोहताज हो सकता है कि अपनी मृत पत्नी का अंतिम संस्कार भी ना कर सके। जी हां! यह दुखद वाकिया जबलपुर में हुआ जब एक पति अपनी मृत पत्नी को अस्पताल में छोड़कर भागने लगा और जब लोगों ने उससे भागने का कारण पूछा तो उसने कहा कि मैं इस काबिल भी नहीं हूं कि अपने पत्नी का अंतिम संस्कार कर सकूं।
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इसके बाद वहां मौजूद लोगों की मानवता जागी और उन्होंने युवक को ढांढस बंधाते हुए एक सामाजिक संस्था की मदद से उसकी पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए सामान जुटाया। सामाजिक संस्था गरीब नवाज कमेटी द्वारा प्राप्त मदद से महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
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नीरज सक्सेना नाम का शख्स ऑटो चलाता है और उसकी पत्नी को टीबी की बीमारी थी। उसकी पत्नी का इलाज शासकीय चिकित्सालय में चल रहा था। इलाज के दौरान उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई। नीरज के मन में अपनी पत्नी का ठीक से इलाज नहीं करवा पाने का दुख था। उसकी मृत्यु ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया। ऐसे में वह अपनी मृत पत्नी को छोड़कर भागने लगा, लेकिन लोगों की मदद से उसकी पत्नी का अंतिम संस्कार किया जा सका।
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सामाजिक सरोकार से नाता रखने वाली गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली ने अपने साथियों के साथ नीरज की मदद की और मानवता की मिसाल पेश करते हुए उसकी पत्नी का रानीताल मुक्तिधाम में विधि पूर्वक अंतिम संस्कार कराया। जहां एक ओर नीरज की इस हालत पर सभी तरस खा रहे थे। वहीं सामाजिक संस्था गरीब नवाज कमेटी के इस कार्य की पूरा जबलपुर सराहना कर रहा है।