Jabalpur News : मध्यप्रदेश के बिजली विभाग में इन दिनों सामूहिक भेदभाव की समस्या उभर कर आ रहीं हैं। बिजली विभाग की विभिन्न इकाइयों और अलग-अलग कंपनियों में समान पद के इंजीनियरों का वेतनमान तथा अन्य सुविधाओं को अलग-अलग तरह से निर्धारित किया गया है। नतीजन बिजली विभाग के इंजीनियरों में जमकर आक्रोश पनप रहा है। बीते 6 महीने में 75 से अधिक इंजीनियर इस्तीफा दे चुके हैं। इसके साथ ही 100 से ज्यादा इंजीनियर इस्तीफा देने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश में बिजली इंजीनियर अपना भविष्य अंधकार में मानते हुए पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश की विधुत कंपनियों में भेदभाव से परेशान होकर एवम ओ 3 स्टार, पदोन्नति , और अन्य विसंगतियों के कारण अपने भविष्य को अंधकार में देखते हुए अन्य विधुत कंपनियों में आवेदन किए, लगभग 37 अभियंताओं को NTPC ने दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए आमंत्रित किए जिसकी, अनुभवी इंजीनियर्स मध्य प्रदेश की विधुत कंपनियों को छोड़ कर जाने से सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश की पावर जनरेटिंग कम्पनी को होगा। पिछले 6 महीनो में लगभग 70-80 अभियंता कंपनी से त्यागपत्र देकर दूसरे जगह ज्वाइन किया है। सारणी में 660 मेगावाट इकाई मार्ग प्रशस्त हुआ था लेकिन लगता है की इंजीनियरों के नौकरी से जाने पर इस यूनिट पर संकट के बादल छाने वाले है। कंपनी प्रबंधनों को कई बार चेताया की ओ 3 स्टार कॉलम को पे मैट्रिक्स से विलोपित करने एवं नियमित पदोन्नति जैसी मांगो को यदि समय रहते निराकरण नहीं किया गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते है, परंतु कंपनी प्रबंधन आज भी गहरी नींद में है।
दूसरे राज्यों में किया पलायन
विद्युत अभियंता संघ के विकास कुमार शुक्ला ने बताया कि नौकरी छोड़ने वाले अभियंताओं से जब चर्चा की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया की वे सभी अपनी वर्तमान कंपनियों के प्रति पूर्ण निष्ठा रखते है परंतु प्रबंधन द्वारा विगत 8 वर्षो से ध्यान नहीं देने से उन्हे अपना भविष्य अंधकार मय लग रहा है इसलिए वह विवश होकर कंपनी छोड़ रहे है, यदि प्रबंधन अभियंताओं की मांगो को पूर्ण करते है तो वे कंपनी छोड़ कर जाने का विचार त्याग देंगे। उन्होंने बताया कि युवा अनुभवी अभियंताओं ने अभी तक एनटीपीसी, आरईसी, एसजेविएनएल, टीएचडीसी, एनएलसी इत्यादि कंपनियों को ज्वॉइन किया है। विकास कुमार शुक्ला ने कहा कि अब इस मामले में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की आवश्यकता है। अन्यथा युवा अनुभवी अभियंताओं के पलायन से विद्युत कंपनियों का संचालन और संधारण करना असंभव होगा।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट