चार लाख की चोरी का जबलपुर पुलिस ने किया खुलासा, आरोपी धराया

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। 29 अक्टूबर को रतन कॉलोनी में रहने वाले चार्टर्ड अकाउंट अनमोल ग्रोवर के घर से 4 लाख 10 हजार रु की हुई चोरी का खुलासा जबलपुर पुलिस ने आज कर दिया है। पुलिस ने चोरी के आरोप में मदन महल निवासी प्रीतम शर्मा को गिरफ्तार किया है और पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी किए गए रुपए भी बरामद कर लिए हैं।

सीए के घर में काम करते समय चुराए थे 4 लाख 10 हजार रु आरोपी ने

दरअसल सीए अनमोल ग्रोवर के घर पर पुताई और फर्नीचर ठीक करने का काम चल रहा था, इस दौरान करीब 10 मजदूर उनके घर पर काम कर रहे थे।29 अक्टूबर को जब अनमोल ग्रोवर ने कर्मचारियों को पेमेंट करने के लिए अलमारी से पैसे निकालने चाहे तो 4 लाख 10 हजार रु से भरा बैग उन्हें गायब मिला जिसकी अनमोल ग्रोवर ने गोरखपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

दूसरे जिले में भागने की फिराक में था आरोपी प्रीतम

पुलिस ने बताया कि चार्टर्ड अकाउंट की शिकायत पर जब जांच शुरू की गई और उनके घर पर काम कर रहे करीब 8 से 10 कर्मचारियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि प्रीतम शर्मा ने हीं अलमारी से रुपए चुराए हैं, जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। आज दोपहर सूचना मिली की प्रीतम शर्मा मदन महल स्टेशन के पास में है और दूसरे शहर भागने की फिराक में है, तत्काल इस सूचना के बाद गोरखपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने बताया कि वह पैसों की लालच में आकर चोरी की थी फिलहाल पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी किए गए 4 लाख 10 हजार रु बरामद कर लिए हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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