जबलपुर। शिक्षा का स्तर सुधारने जिला प्रशासन लाख कवायद कर रहा है पर सरकारी स्कूलों में हालात जस के तस बने हैं। 2018-19 में जबलपुर के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का परिणाम 54 फ़ीसदी रहा।स्टेट मेरिट में जिले में एक भी छात्र ने अपनी जगह टॉप टेन तक में नहीं बनाई थी। वही सिवनी,बालाघाट,नरसिंहपुर कटनी, दमोह जैसे छोटे जिले के छात्रों ने बाजी मारी थी।बीते साल के रिजल्ट की पुनरावृत्ति इस वर्ष भी ना हो लिहाजा इसे देखते हुए जबलपुर कलेक्टर ने जिले के 15 सरकारी स्कूलों को चिन्हित किया है जहां पर कि शिक्षा का स्तर बिल्कुल निम्न स्तर का था।इन डेंजर जॉन के 15 सरकारी स्कूलों में जबलपुर सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा गोद लिए कोहला गाँव का सरकारी स्कूल भी है। कलेक्टर ने ऐसे 15 सरकारी स्कूलों को डेंजर जोन में रखा है। कलेक्टर भरत यादव ने सभी 15 स्कूलों की निगरानी के लिए अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है।डेंजर जॉन के ये वो 15 सरकारी स्कूल है जहाँ पर की बीते साल परीक्षा परिणाम 0 से 30 प्रतिशत रहा है।गौर करने वाली बात ये है कि सांसद राकेश सिंह ने जिस कोहला गांव को गोद लिया था उस गाँव का हाई स्कूल भी डेंजर जॉन में है जहाँ का परीक्षा परिणाम औसत के अनुरूप नहीं था।इधर जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा जल्द ही डेंजर जॉन में शामिल स्कूलों के प्राचार्यो की बैठक लेकर अच्छी से अच्छी पढ़ाई किस तरह से हो सके इसकी रूप रेखा बनाई जाएगी।साथ ही अगर इस वर्ष भी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बिगड़ता है तो संबंधित स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर पर कार्यवाही की गाज गिरेगी।
डेंजर जोन में जबलपुर के 15 सरकारी स्कूल, भाजपा सांसद का गोद लिया गांव भी शामिल
Published on -