जबलपुर,संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) के कुछ शातिर जालसाजों ने लाखों रु की ठगी की, जिसका खुलासा ईओडब्ल्यू (EOW) ने किया है, ईओडब्लू के मुताबिक जालसाजों ने कार खरीद कर बैंक से पहले 16 लाख रुपए फाइनेंस कराए और फिर उस कार को बेच दिया, इतना ही नही आरोपीयो ने फाइनेंस के पैसे बैंक में जमा ना करते हुए 1600000 रुपए की धोखाधड़ी करते हुए दूसरे बैंक के नाम से फर्जी एन.ओ.सी बनाकर आरटीओ कार्यालय में जमा भी करवा दी,फिर कार को दूसरे के नाम ट्रांसफर भी करवा दी, इसकी शिकायत मिलने पर ईओडब्ल्यू ने तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत एफ आई आर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
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ईओडब्ल्यू एस.पी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को प्राप्त एसटीआर की जांच उपनिरीक्षक विशाखा तिवारी से कराई गई जिसमें संदेही सागर कॉलोनी महाराणा प्रताप वार्ड धन्वंतरी नगर गढ़ा पुरवा निवासी जयश्री अग्रवाल ने अमित अग्रवाल के साथ मिलकर टाटा हेक्सा कार क्रमांक एमपी 49 C 5497 टाटा कमर्शियल ऑटोमोबाइल लिमिटेड जबलपुर से दिनांक 24 मार्च 2017 को खरीदी थी, बैंक ऑफ बड़ौदा जो वर्तमान में विजया बैंक के नाम से जाना जाता है की शाखा एमएसएमई जबलपुर से दिनांक 23 मार्च 2017 को 16 लाख रुपए फाइनेंस करवाए थे।
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कार जयश्री अग्रवाल द्वारा बिना फाइनेंसर बैंक को सूचित किए, बिना सहमति के शरद जायसवाल को बेच दी गई इसके बाद जयश्री अग्रवाल एवं अमित अग्रवाल द्वारा किस्त ना चुकाने के कारण ऋण खाता एनपीए घोषित हो गया।