Lokayukta Action : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अफसरों को दिए हैं, इसके बावजूद भी हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ रहा है।
सीएम के निर्देश पर लोकायुक्त पुलिस टीम एक्टिव नजर आ रही है, इसी कड़ी में जबलपुर जिले में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आज शक्ति भवन में पदस्थ डीजीएम और उसके सहयोगी को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। डीजीएम का नाम हिमांशु अग्रवाल है जो कि सोलर एनर्जी विभाग में पदस्थ है। लोकायुक्त ने डीजीएम के सहयोगी हिमांशु यादव को भी मामले पर गिरफ्तार किया है। हिमांशु अग्रवाल ने नागपुर की एक निजी सोलर पैनल कंपनी का लाइसेंस रिन्यू करवाने की लिए रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत पीड़ित ने लोकायुक्त पुलिस से की थी, जिस पर कि शुक्रवार की शाम को उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
पीड़ित ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ऑफिस में दिया आवेदन
जबलपुर के अधारताल निवासी विष्णु लोधी नागपुर की एक कंपनी में कार्यरत है, और जबलपुर में जनरल मैनेजर है, जिन्होंने करीब 12 दिन पहले जबलपुर के सोलर एनर्जी विभाग में ऑनलाइन फार्म भरते हुए अप्लाई किया। इसके बाद फाइल एडीजीएम और डीजीएम के पास स्वतः पहुंच जाती है, जिसे अप्रूव करने का काम हिमांशु अग्रवाल को करना था। पीड़ित के मुताबिक वो एक माह से कार्यालय के चक्कर काट रहे थे, हर बार उनसे बोला जाता था कि काम हो जाएगा। करीब एक सप्ताह पहले हिमांशु अग्रवाल ने लाइसेंस को रिन्यू करने के लिए 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी और कहा गया कि इसके बिना फाइन अप्रूव नहीं होगा। परेशान विष्णु लोधी ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू से लिखित में शिकायत करते हुए पूरी बात बताई।
रिश्वत (Bribe) लेते डीजीएम का साथी रंगे हाथ गिरफ्तार
विष्णु लोधी ने बताया कि वह सोलर एनर्जी विभाग के कार्यालय के लगातार चक्कर काट रहा था। करीब 6 दिन पहले शिकायतकर्ता हिमांशु अग्रवाल के पास पहुंचा और पूछा कि लाइसेंस रिन्यू क्यों नहीं कर रहे हो, इस पर उनका कहना था कि जबलपुर में आपने 80 किलोवाट का काम लिया था, जिसके हिसाब से प्रति किलो 500 रुपए की दर से 40 हजार रुपए हो रहा है। 18 तारीख को विष्णु जब हिमांशु अग्रवाल के पास पहुंचा तो उसे रियायत देते हुए 30 हजार रुपए मांगे गए। शुक्रवार की दोपहर को शिकायतकर्ता जब डीजीएम के पास पहुंचा तो वहां पर काफी लोग बैठे हुए थे, इस पर उससे कहा गया कि ये नबंर लो, और उससे जाकर मुलाकात करो। विष्णु ने नबंर लिया और रामपुर चौराहे जाकर जैसे ही हिमांशु यादव को फोन लगाकर रिश्वत के रुपए दिए तभी लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में दोनों आरोपी के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। विवेचना में सारे तथ्यों की जांच की जाएगी।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट