मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में चिकित्सकों की सुरक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान चिकित्सकों द्वारा हड़ताल समाप्त करने के निर्णय की सराहना की है। दरअसल कोर्ट ने चिकित्सकों की सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा मानते हुए कई बड़ी बातें कही है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित पक्षों को और सुझाव देने के लिए अतिरिक्त समय भी प्रदान किया है।
दरअसल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान चिकित्सकों द्वारा हड़ताल समाप्त करने के निर्णय की सराहना की। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने कहा कि चिकित्सकों का यह निर्णय न केवल उनके पेशे की गरिमा को बनाए रखता है, बल्कि यह मरीजों के हित में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
चिकित्सकों के हड़ताल वापस लेने के फ़ैसले की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने की सराहना
कहा, चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए हम सभी गंभीर, चिकित्सक संगठनों ने चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधी सुझाव देने माँगा वक़्त, हाई कोर्ट अगले हफ़्ते करेगा मामले पर सुनवाई, कलकत्ता मामले में आज… pic.twitter.com/o5YC8emgoi
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) August 20, 2024
जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा उपायों पर सुझाव देने के लिए अधिक समय की मांग की थी
जानकारी के अनुसार जूनियर डॉक्टरों के वकील महेंद्र पटेरिया ने कोर्ट से सुरक्षा उपायों पर सुझाव देने के लिए अधिक समय की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अदालत में तर्क दिया कि चिकित्सकों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा किया जाना आवश्यक है। वकील ने महिला चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर अदालत की गंभीर चिंता का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जिसे प्राथमिकता से निपटाया जाना चाहिए।
दरअसल शनिवार को हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने का फैसला किया। अदालत ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि पहले हड़ताल खत्म होनी चाहिए, फिर 20 अगस्त को सुरक्षा के मसले पर चर्चा की जाएगी। इस निर्देश के बाद, जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी, लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान सुरक्षा की गारंटी की मांग भी उठाई।