माँ की ममता से हारी लाइलाज बीमारी HIV, स्वस्थ बच्चे को दिया जन्म

Pooja Khodani
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जबलपुर, संदीप कुमार। वर्तमान समय मे भले ही कोरोना संक्रमण (Covid-19) का कहर चल रहा हो पर इस बीमारी के साथ एक लाइलाज बीमारी और भी जिसे की माँ (Mother) की ममता हराने में जुटी हुई है।जबलपुर संभाग (Jabalpur Division) की सबसे बड़ी लेडी एल्गिन अस्पताल (Lady Elgin Hospital) में बीते 46 माह में 135 एचआईवी (HIV) संक्रमित महिलाओ ने सफल इलाज करवाया है जिसमे की 34 महिलाएँ गर्भवती (Pregnant Women) है।

माँ की ममता से हारा एचआईवी
मां की ममता का कुछ इस तरह से प्रभाव होता है कि वह लाइलाज एचआइवी वायरस के संक्रमण को भी अपने गर्भ में पल रहे शिशु पर असर नही होने देती है। वायरस से संक्रमित 34 महिलाओं ने स्वास्थ्य शिशु को जन्म दिया है, नवजात एचआईवी से पूरी तरह सुरक्षित है। सुरक्षित डिलेवरी करवाने के लिए चिकित्सको व कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर एचआईवी संक्रमित महिलाओं का प्रसव कराया इस दौरान कुछ महिलाओं ने सिजेरियन ऑपरेशन (Cesarean Operation)   से शिशु को जन्म दिया, बीते 46 माह में अस्पताल में करीब 135 महिलाएं एचआईवी पाई गई जिनमे 34 महिलाएं गर्भवती थी।

गर्भ में पल रहे है बच्चे को नही रहता HIV से खतरा
लेडी एल्गिन अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर संजय मिश्रा बताते हैं कि गर्भ में पल रहे बच्चे को एचआईवी संक्रमण खतरा तब तक नहीं रहता है जब तक वह अपनी मां के रक्त के संपर्क में ना आए, परंतु प्रसव के दौरान संभावित जो कि वह मां के शरीर निकलने वाले खून के संपर्क में आने कारण बच्चे में एचआईवी का संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है इसलिए जन्म के तुरंत बाद एचआईवी से बचाव के लिए मां को उपयोगी दवाई पिलाई जाती हैं।

सिजेरियन प्रसव से बढ़ जाता है खतरा
चिकित्सकों के मुताबिक गर्भावस्था के समय एचआईवी संकेत महिलाओं की समय-समय पर जांच व उपचार किया जाता है पर प्रसव के दौरान जोखिम और भी बढ़ जाता है सिजेरियन प्रसव के समय अतिरिक्त सावधानी रखनी पड़ती है कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि जब एचआईवी संकेत महिला के सीरियल के दौरान ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक खतरे में पड़ गए ऐसे मामलों में चिकित्सकों (Docters) को वायरस से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों (Medicines) का सेवन भी करना पड़ता है

पीड़ित महिलाओं को दी जाती है समय-समय पर समझाईश
लेडी एल्गिन अस्पताल जबलपुर (Jabalpur) में एचआईवी संक्रमित महिलाओं को समझाइश देने के लिए चिकित्सक भी मौजूद रहते हैं जो कि गर्भवती महिलाओं को इस लाइलाज बीमारी से लड़ने और इससे जीतने के लिए मोटिवेट करते है,

कोरोना के चलते कम हो पाई एचआईवी जांचें
वर्तमान में कोरोना काल चल रहा है लिहाजा इसके चलते एचआईवी संक्रमण जैसी जांचें पिछड़ गई हैं। लेडी एल्गिन अस्पताल में जांच की संख्या में भारी गिरावट भी देखी गई है जिसकी वजह बताई जा रही है कि कोरोना संक्रमण।चिकित्सक बताते हैं कि कोरोना के चलते हाल में एचआईवी जांचे कम हो पा रही है जिसको बढ़ाया जा रहा है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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