MP HC ने निजी स्कूलों के छात्रों को दी आंशिक राहत,50% फीस भरकर दे सकेंगे परीक्षा, आदेश जारी

जिला कमेटी ने वर्ष 2017-18 से 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में बढ़ाई गई फीस वापस करने के आदेश जारी किए थे। इसके अलावा कमेटी ने वर्तमान सत्र की फीस भी निर्धारित की थी।

MP HC partial relief to private schools students: जबलपुर हाई कोर्ट ने अभिभावकों को 10 फीसदी वृद्धि के साथ कुल फीस का 50 प्रतिशत जमा कराने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद बच्चों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है। हाई कोर्ट ने कहा कि शेष बची फीस अभिभावक अगले माह जमा करा सकते हैं। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित की है।

विभिन्न निजी स्कूलों द्वारा दायर की गई अपील के तहत मध्य प्रदेश अभिभावक संघ के सचिन गुप्ता ने हस्तक्षेप आवेदन पेश किया। संघ की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने बताया कि फीस जमा नहीं करने के कारण कुछ निजी स्कूल बच्चों को परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर रहे हैं।

कलेक्टर ने करीब 32 स्कूलों को 265 करोड़ रुपए वापस करने के निर्देश दिए हैं

उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने करीब 32 स्कूलों को 265 करोड़ रुपए वापस करने के निर्देश दिए हैं। स्कूल संचालक अधिक फीस वसूल रहे हैं। 13 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट ने जिला कमेटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें निजी स्कूलों को फीस रिफंड करने कहा गया था और समिति द्वारा फीस निर्धारित की गई थी। क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल, ज्ञान गंगा, स्टेमफील्ड व स्कूलों की ओर से यह अपील दायर की गई थी।

जिला कमेटी ने बढ़ाई गई फीस वापस करने के आदेश जारी किए थे

अपीलार्थियों के अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि जिला कमेटी ने इस आधार पर उक्त आदेश जारी किया था कि स्कूलों ने ऑनलाइन पार्टल पर फीस वृद्धि की जानकारी अपलोड नहीं की थी। जिला कमेटी ने वर्ष 2017-18 से 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में बढ़ाई गई फीस वापस करने के आदेश जारी किए थे। इसके अलावा कमेटी ने वर्तमान सत्र की फीस भी निर्धारित की थी।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट  


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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