MP High Court : मध्य प्रदेश के पुलिस थाना परिसरों में बने मंदिर को लेकर हाईकोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई हुई। सोमवार को हुई इस सुनवाई में भी सरकार का जवाब जब नहीं आया तो इस पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकार को अब 7 दिन में जवाब देने की अंतिम मोहलत दी है।
हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार से यह भी पूछा है कि थाने में मंदिर कब और किसके आदेश पर बनाए गए थे। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की जानकारी भी सरकार से पेश करने की निर्देश दिए हैं।
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उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन
जबलपुर निवासी ओपी यादव की जनहित याचिका पर उनके अधिवक्ता सतीश वर्मा ने हाईकोर्ट को दलील देते हुए बताया कि पुलिस थानों में थानेदार धार्मिक स्थल बनवा रहे हैं जो कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का सीधा-सीधा उल्लंघन है।
6 जनवरी को अगली सुनवाई
अधिवक्ता सतीश वर्मा ने बताया कि 20 वर्ष पहले 2003 में उच्चतम न्यायालय ने भी इस बारे में आदेश दिए थे कि सार्वजनिक स्थान खासकर कार्यालय, पब्लिक रोड पर धार्मिक स्थलों का निर्माण नहीं होना चाहिए। बहरहाल अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को तय की गई है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट