तेज आवाज DJ Sound साउंड सिस्टम को लेकर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से पूछा ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए क्या कार्रवाई की

ख़ास बात ये रही कि अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट रुम में भी एक मोबाईल एप से साउंड पॉल्यूशन रिकॉर्ड कर जजेस को दिखाया जो करीब 70 डेसिबल रिकॉर्ड हुआ।

Atul Saxena
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Jabalpur News: एमपी में कानफोड़ू डीजे साउंड सिस्टम की समस्या पर हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है, जबलपुर हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर वो इस साउंड पॉल्यूशन को रोकने के लिए क्या कार्यवाई कर रही है, कोर्ट ने राज्य सरकार को 2 हफ्तों में जवाब देने का निर्देश दिया है और मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को तय कर दी है।

हाई कोर्ट में ये याचिका अमिताभ गुप्ता नाम के एक अधिवक्ता ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि तेज आवाज़ वाले साउंड सिस्टम ना केवल स्वास्थ बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी बड़ा खतरा हैं, याचिका में कहा गया है कि तेज आवाज़ वाले डीजे से हियरिंग लॉस, हाई ब्लड प्रैशर, हार्ट डिसीज़, एनज़ाईटी और हार्मोनल डिस्ऑर्डर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

याचिका में दावा MP में100 डेसिबल तक डीजे बजाए जा रहे

इस याचिका में, धार्मिक कार्यक्रमों में तेज आवाज़ वाले डीजे बजाने से हुईं सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं का भी हवाला दिया गया है, याचिका में कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत रहवासी क्षेत्रों में साउंड सिस्टम की अधिकतम सीमा दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से ज्यादा नहीं हो सकती लेकिन इसके उलट एमपी में 100 डेसिबल तक डीजे बजाए जा रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट रूम में ही दिखा दिया ध्वनि प्रदूषण 

ख़ास बात ये रही कि अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट रुम में भी एक मोबाईल एप से साउंड पॉल्यूशन रिकॉर्ड कर जजेस को दिखाया जो करीब 70 डेसिबल रिकॉर्ड हुआ। बहरहाल हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को याचिका में उठाए गए सभी मु्ददों का बिंदुवार जवाब पेश करने का आदेश दिया है, मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को की जाएगी।

 जबलपुर संदीप कुमार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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