जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट नेकर्मचारी भविष्य निधि संगठन, ईपीएफओ के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव ईपीएफ ऑर्गेनाइजेशन के कर्मचारियों को चुनाव डयूटी के लिए बाध्य न किया जाए । इस संबंध में हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग, जबलपुर और भोपाल कलेक्टर को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
दरअसल,हाल ही में ईपीएफओ आर्गनाइजेशन की ओर से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि 4 जून 2022 को याचिकाकर्ता संगठन के कर्मचारियों व अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी करने के लिए आदेश जारी किया गया। जबकि नियमानुसार राज्य सरकार, स्थानीय निकायों व लोक स्थापनाओं के कर्मियों, अधिकारियों की ही स्थानीय निकाय चुनाव में ड्यूटी लगाई जा सकती है, क्योंकि याचिकाकर्ता न तो राज्य सरकार के कर्मी हैं और न ही केंद्र सरकार के।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने कहा कि ईपीएफओ कर्मचारियों अधिकारियों को ड्यूटी के लिए बाध्य नही किया जा सकता है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए याचिकाकर्ता संगठन के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए बाध्य न करने के निर्देश देकर अनावेदकों से जवाब-तलब कर लिया। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग, जबलपुर व भोपाल कलेक्टर को नोटिस जारी किए। सभी से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
About Author
Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)