MP News: नर्सिंग घोटाले के बीच आयुर्विज्ञान विवि ने मांगी कॉलेजों के फैकल्टी की जानकारी, NSUI नेता रवि परमार ने प्रशासन पर लगाए आरोप

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचिया को लेकर रवि परमार ने कहा कि ग्वालियर हाई कोर्ट उन पर कई गंभीर टिप्पणियां की हैं, फिर भी वो अभी तक परीक्षा नियंत्रक के पद पर बने हे हैं।

Shashank Baranwal
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MP News: मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले के बाद आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से लापरवाही की खबर सामने आई है। दरअसल, विश्वविद्यालय की तरफ से एक अधिसूचना जारी कर संबद्ध नर्सिंग कॉलजों की फैकल्टी से जानकारी मांगी की गई है। इसी को लेकर NSUI नेता रवि परमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गैर-जिम्मेदारी का आरोप लगाया है।

प्रशासन पर लगाए आरोप

NSUI नेता रवि परमार ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिसूचना जारी कर संबद्ध कॉलेजों से जानकारी मांगे जाने को लेकर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब संबद्ध कॉलेज की मान्यता दी जा रही थी तो विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से बिना फैकल्टी की जांच किए ही संबद्धता प्रदान कर दी गई थी क्या?

प्रशासन से पूछा सवाल

इसके अलावा उन्होंने आरोप विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल किया है कि आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर की तरफ से सभी संबद्ध कॉलेजों से जो जानकारी की मांग की गई है वह सत्र 2024-25 में होने वाली परीक्षाओं की खातिर Digital Valuation System and Faculty Registration के लिए मांग की गई है। वहीं, विश्वविद्यालय ने सत्र 2023-24 और 2024-25 में कॉलेजों को मान्यता नहीं प्रदान की है। ऐसे में बिना मान्यता के ही परीक्षा कराई जाएगी। NSUI नेता परमार ने आगे कहा है कि विश्वविद्यालय की तरफ से 2021-22, 2022-23 सत्र के नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षा नहीं काराई गई है। ऐसे में सत्र 2024-25 की परीक्षाओं को लेकर फैकल्टी का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचिया को लेकर रवि परमार ने कहा कि ग्वालियर हाई कोर्ट उन पर कई गंभीर टिप्पणियां की हैं, फिर भी वो अभी तक परीक्षा नियंत्रक के पद पर बने हे हैं।

मंत्रि परिषद के फैसलों को किया दरकिनार

वहीं, रवि परमार ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट के फैसलों को भी दरकिनार करे का आरोप लगाया है, जोकि इसी साल जनवरी महीने में मंत्रि परिषद की बैठक में ली गई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन की स्वीकृति दी गई थी। इस दौरान नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं और छात्र- छात्राओं की संख्या में वृद्धि को देखते हुए नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विषयो से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित अन्य विश्वविद्यालयों के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया गया था। फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल 2024-25 सत्र के लिए फैकल्टी का रजिस्ट्रेशन कर रहा हैं।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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