सनातन विरोधियों के साथ देने वाला भी सनातन विरोधी कहलायेगा – स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी

Amit Sengar
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Swami Akhileshwaranand Giri

Jabalpur News : कांची कामकोटि पीठ शंकराचार्य ब्रम्हलीन जयेंद्र सरस्वती को 19 वर्ष पूर्व 11 नवम्बर को दीपावली के पूर्व नरक चौदस के दिन ही गिरफ्तार किया गया था और 19 वर्ष बाद के इस दुःखद संयोग पर जबलपुर के संत समाज के साथ जनसमुदाय ने शंकराचार्य चौक छोटी लाइन फाटक में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्शाते हुए समन्वय सेवा केंद्र में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया। स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी, स्वामी गिरिशानंद सरस्वती, नृसिंहपीठाधिस्वर स्वामी नरसिंहदास, गुप्तेश्वर पीठाधीश्वर स्वामी मुकुन्ददास,महंत स्वामी कालीनन्द महंत रामजी शरण महाराज, पूज्य दीदी शिरोमणि की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा 19 वर्ष पूर्व दुखद घटना घटी उस समय मैं पाकिस्तान में था और जब पाकिस्तान के पत्रकारों ने पूछा आपके यहाँ तो हिन्दू हुकूमत है और आपके धर्मगुरु को गिरफ्तार किया गया आपकी टिप्पणी क्या है मैंने कहा मैं अपनी धरा में बात करूंगा जब वापस आया तो देश मे अटल के नेतृत्व में पूरे देश मे भारत बंद करके घटना का विरोध किया और कुछ काल तक न्यायालय में केश चलने के बाद पूज्य शंकराचार्य भगवान को ससम्मान रिहा किया गया था।

हिन्दू और सनातन विरोधियों को सावधान हो जाना चाहिए

उन्होंने कहा हिन्दू सहिष्णु है यह आक्रोश तो जताता है किंतु देश या जनता को नुकसान नही पहुँचाता। स्टॅलिन जैसे नेता दक्षिण भारत से सनातन मिटाने की बात करते है और उसके सहयोगी गठबंधन के लोगो का कोई बयान नही आता न ही किसी मे हिम्मत होती है कि उन्हें गठबंधन से बाहर करे साथ ही एक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बेटा भी सनातन की समाप्ति की बात करता है हम संत एक स्वर में जनता को बताना चाहते है कि जो भी सनातन विरोधियों के साथ होगा वह भी सनातन विरोधी कहलायेगा और हिन्दू और सनातन विरोधियों को सावधान हो जाना चाहिए हमे हर तरह से जबाब देना आता है।

भगवान राम के मंदिर बनाने में विरोध करने वालो ने छोटी अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगाई

उन्होंने कहा भगवान राम के मंदिर बनाने में विरोध करने वालो ने छोटी अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगाई, शिला पूजन का विरोध, राम जानकी यज्ञ का विरोध, हर बात का विरोध किया ऐसे लोगो को जबाब मिला है। जिस सनातन को देशविरोधी बड़ी बड़ी ताकते नही मिटा पाई उसे आज के नेता नही मिटा सकते। आज चुनाव चल रहा है औऱ चुनाव में पांच हजार एक रुपये देकर, भगवा धारण कर लिया, माथे पर तिलक लगा किया तो सनातनी नही हो जाते, सनातनी होने के लिए आपको सनातन का विरोध करने वालो के विरोध में खड़ा होना पड़ेगा। आज जबलपुर से जो आवाज उठी है कि वो मप्र जो सनातन के साथ नही उन्हें हम सत्ता में नही आने देंगे। उन्होंने कहा आने वाली पीढ़ी को संदेश देने के लिए उन्हें याद दिलाने के लिए यह कार्यक्रम किया गया है।

स्वामी गिरिशानंद सरस्वती ने कहा 19 वर्ष हुई घटना के विरोध में आर सी लाहोटी ने बताया था कि किस तरह षडयंत्र के तहत पूज्य शंकराचार्य को गिरफ्तार किया गया था लेकिन लोगो को समझना होगा भगवान श्रीराम ने भी रावण को तीन बार समझाने का प्रयास किया पर अंत मे रावण का समूल नाश कर दिया।

सनातन को मिटाने की बात नेता भी करने लगे है किंतु पर वे कभी सफल नही होंगे

उन्होंने कहा धर्मयुद्ध अलग है, वॉयलेंस अलग है दोनों में अंतर है और यदि धर्म के लिए लड़ना पड़े तो हम पीछे नही हटने वाले है, और हमारे सनातन धर्मशस्त्र और शास्त्र दोनों का प्रयोग करने की शिक्षा देता है। और हमारे धर्मगुरुओं या सनातन का अपमान करने वाले जिस भाषा मे समझेंगे उन्हें उसी भाषा मे समझाया जाएगा। उन्होंने कहा जिस सनातन को रावण, कंस, हिरण्यकश्यप, हिरण्याक्ष, मुगल और अंग्रेज ने भी कोशिश की किन्तु सनातन को नही मिटा सकें और आजकल तो सनातन को मिटाने की बात नेता भी करने लगे है किंतु पर वे कभी सफल नही होंगे ऐसे लोगो को सबक सिखाने की आज आवश्यकता है।

सनातन का अपमान करने वालो का क्या हश्र हुआ सब जानते है

नृसिंहपीठाधिस्वर स्वामी नरसिंहदास ने कहा दक्षिण भारत में सनातन धर्म को ललकारा गया था जब पूरे देश मे दीवाली का प्रकाश पर्व चल रहा था और 19 वर्ष पूर्व आंध्रप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने हमारे भगवान शंकराचार्य को गिरफ्तार कर किया था। आज सनातन धर्म और देवी देवताओं पर टिप्पणी करने का प्रचलन बन गया है पर हमारे देश के लोग ऐसे लोगो को मुंह तोड़ जबाब देने हर स्थिति में तैयार है। सनातन का अपमान करने वालो का क्या हश्र हुआ सब जानते है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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