जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर में पूर्व तहसीलदार के होटल में बार बार जाकर कार्रवाई के नाम पर 30 हजार मांगना एक एस आई और आरक्षक को महंगा पड़ गया, परेशान होटल के मालिक ने जबलपुर एस पी को एस आई और आरक्षक का 30 हजार मांगने और ना देने पर धमकाने का आडियो सुना दिया, जिसके बाद एसपी ने दोनों को निलंबित कर दिया है, हालांकि निलंबित एसआई पर पहले भी कई बार रिश्वत मांगने के आरोप लग चुके है और सबूत भी अधिकारियों तक पहुंचे।
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दरअसल शहर के रानीताल गेट नंबर-1 के पास हाल ही में एक नई होटल का शुभारंभ हुआ। होटल पूर्व तहसीलदार विवेक त्रिपाठी की है। इलाके में नई होटल खुलने की जानकारी के बाद लार्डगंज थाना से एसआइ सत्यनारायण कुशवाहा और आरक्षक विकास ठाकुर होटल पहुंचे और उन्होंने होटल की जांच की, लेकिन इसके बाद यह दोनों लगातार होटल में जांच के नाम पर जाने लगे, होटल में रुकने वाले ग्राहकों के पहचान संबंधी दस्तावेजों की जांच पड़ताल के नाम पर वे उन्हें परेशान करने लगे। इसके बाद परेशान होकर होटल मेनेजर ने जब इन दोनों पुलिस कर्मियों से बात की तो इन दोनों ने ही मेनेजर से डिमांड कर दी कि इलाके में अगर होटल चलाना है तो हर माह 30 हजार रुपये देने पड़ेंगे। थाना क्षेत्र में संचालित 1-1 होटल संचालक पुलिस को हर माह पैसा देते हैं।
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होटल मेनेजर ने पुलिस कर्मियों से कहा कि वह संचालक से इस बारे में बात करेगे, जिसके बाद सब इंस्पेक्टर ने मैनेजर आकाश सिंह और प्रदीप श्रीवास्तव को मुलाकात करने के लिए लार्डगंज थाना बुलाया। लार्डगंज थाना पहुंचे आकाश और प्रदीप से सब इंस्पेक्टर ने खुलकर बात की। दोनों ने थाने में भी होटल मेनेजर को धमकाया कि होटल चलाना है तो हर माह 30 हजार रुपये देने पड़ेंगे। होटल कर्मचारियों ने सब इंस्पेक्टर और आरक्षक की बातें मोबाइल फोन में रिकार्ड कर लीं और दोनों की रिकार्डिंग पुलिस अधीक्षक बहुगुणा को सुनाई गई। रिकार्डिंग सुनते ही एसपी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने लार्डगंज थाना प्रभारी और कोतवाली सीएसपी से भी जवाब तलब किया है।