बुरहानपुर, डेस्क रिपोर्ट। पापा मुझे भूलने की बीमारी है, इसलिए शायद मैं आपका और चाहने वालों का सपना कभी पूरा नहीं कर पाऊँगा, मुझे माफ कर दीजिएगा। यह शब्द उस बच्चे के है, जिसने मौत को गले लगाने से पहले बेहद दर्द में अपने पिता को अपना आखरी पत्र यानि की सुसाइड लेटर लिखा और दुनिया को अलविदा कह दिया। मामला बुरहानपुर के एकलव्य छात्रावास का है कक्षा 9 वीं में पढ़ने वाला यह छात्र रवींद्र सोलंकी था, जो सातपायरी स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था, लेकिन अचानक इस छात्र ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली। छात्र की मौत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बच्चे कितने प्रेशर में पढ़ाई कर रहे है, बेहतर भविष्य का सपना और उससे ज्यादा माता पिता की उम्मीदें वो देख रहे है समझ रहे है, लेकिन उसे पाने का रास्ता उन्हे इस कदर अंदर ही अंदर तोड़ रहा है कि उनकी हिम्मत जवाब दे रही है और वह ऐसा घातक कदम उठाया रहे है।
यह भी पढ़ें.. MP : 13 मार्च को हितग्राहियों को बड़ा तोहफा देंगे सीएम शिवराज, खाते में भेजी जाएगी 10 लाख 40 हजार की राशि
रवींद्र ने देर रात अपने कमरें में फांसी लगाकर जान दे दी, सुबह उसके साथी बच्चों ने उसे फांसी पर झूलते देखा तो प्रबंधन को इसकी सूचना दी जिसके बाद उसके परिजनों को इस घटना की जानकारी दी गई, बेटे के इस कदम से परिवार हैयारण रह गया, छात्र धुलकोट के ग्राम उताम्बी का रहने वाला था। छात्र ने अपने आखरी खत में कुछ ऐसा लिखा कि जिसने भी यह पत्र पढ़ा उसकी आंखे नं हो गई, रवींद्र अपने पिता को बहुत प्यार करता था और उसने नोट में दो बार लव यू पापा लिखा।