जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक राम लल्लू वैश्य पर तथ्य छुपाकर याचिका दायर करने और शपथपूर्वक गलत बयान करने की कोशिश में ₹100000 का जुर्माना लगाया है। हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ जस्टिस पी.के कौरव की बेंच ने विधायक पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि ऐसे याचिकाकर्ता को विधिक प्रावधानों के दुरुपयोग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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हाई कोर्ट ने भाजपा विधायक की याचिका को झूठा करार देते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए उन पर 1 लाख रु की कॉस्ट लगाई है।
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रामलल्लू वैश्य सिंगरौली से भाजपा विधायक हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता के.के सिंह ने कोर्ट को कोल इंडिया व नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड मिलकर उनकी जमीन पर अवैध रूप से कोयला उत्खनन करने की बात कही थी और अपील की थी कैसे जल्द से जल्द रोका जाए।
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सुनवाई के दौरान इसके खिलाफ शासकीय अधिवक्ता अंकित अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता अनाआवेदकों के बीच पुराना विवाद है। इसे लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में तीन रिट पिटिशन एक सिविल रिवीजन लंबित है। याचिकाकर्ता ने याचिका में शपथ पत्र पर उल्लेख किया है कि इस संबंध में किसी भी कोर्ट में कोई मामला लंबित नहीं है, ना दायर किया गया। जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से क्रास क्वेश्चन किया तो याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से माफी मांगने की बात कही, लेकिन इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए उन पर ₹100000 का जुर्माना लगाया।