एसोसिएसन के अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने एमपी हाई जस्टिस सुरेश कुमार कैथ (Suresh Kumar Kaith) पर सरकारी बंगले में मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया था। अब इस मामले में उन्होनें यूटर्न लिया है। चीफ जस्टिस के नाम पत्र लिखते हुए अपने आरोपों को निराधार बताया है। साथ ही उनसे माफी मांगी है।
पत्र में धन्य कुमार जैन ने लिखा कि, “दिसंबर 2024 में एक वकील रविन्द्र नाथ त्रिपाठी ने उन्हें आवेदन पत्र देते हुए सीजे बंगले में स्थित मंदिर तोड़ दिए जाने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच के लिए उन्होंने मुख्य न्यायाधीश सहित राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। अब उन्हें पीडब्लूडी विभाग और हाईकोर्ट प्रशासन से जवाब मिला कि चीफ जस्टिस बंगले में कभी मंदिर मौजूद ही नहीं था।”
भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर मांगी माफी
धन्य कुमार जैन ने कहा कि, “मुझे महसूस हुआ कि मेरे पत्र से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। जिसके लिए मैं काफी दुखी हूं और चीफ जस्टिस के प्रति खेद व्यक्त करता हूं। उनके प्रति सम्मान भी व्यक्त करता हूं।”
भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी- धन्य कुमार जैन
रजिस्ट्रार और हाई कोर्ट से मिले जवाब के बाद बार काउंसिल अध्यक्ष ने एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ से लिखित माफी मांगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस संबंध में ऐसी गलती इस संबंध में मेरे द्वारा कोई भी गलती नहीं होगी इसके अलावा में अपने पुराने आवेदन पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं चाहता हूं।”